हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चाओं के बीच हालात बदलते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने हाल ही में 32 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि वह अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। इस कदम के बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को सीधे चुनौती देते हुए अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वह भी सभी 90 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने को पूरी तरह तैयार है।
AAP के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने कांग्रेस की इस कार्रवाई के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हम पूरी तरह तैयार हैं, बस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही आदेश मिलेगा, हम सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार देंगे। हर सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। जो हमें कमजोर समझेगा, वह भविष्य में पछताएगा।”
AAP की ओर से यह बयान तब आया है, जब कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर यह संकेत दिया कि वह गठबंधन को लेकर अब और इंतजार नहीं करने वाली है। इस कदम से गठबंधन को लेकर चल रही चर्चाओं को गहरा झटका लगा है, क्योंकि I.N.D.I.A गठबंधन के तहत पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि दोनों दल विधानसभा चुनाव भी एक साथ लड़ सकते हैं, जैसे उन्होंने लोकसभा चुनाव में किया था।
गौरतलब है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच पिछले कुछ समय से गठबंधन की बातचीत चल रही थी। इससे पहले, 2024 लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने I.N.D.I.A गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था। उस दौरान कांग्रेस ने प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों में से एक सीट (कुरुक्षेत्र) AAP को दी थी, जहां से AAP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने चुनाव लड़ा। हालांकि, गुप्ता को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।
अब, हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए AAP की आक्रामक रणनीति कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकती है। संदीप पाठक का बयान यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का मन बना लिया है और वह हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के लिए तैयार है। यह स्थिति कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, खासकर तब जब AAP ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हर सीट पर मजबूती से चुनाव लड़ेगी और किसी भी तरह की कमजोरी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाएं अब किस दिशा में जाती हैं। क्या दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी या अंत में किसी मोड़ पर दोनों के बीच सहमति बन सकेगी? फिलहाल, दोनों पार्टियों की तरफ से जारी आक्रामक बयानबाजी यह संकेत दे रही है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की लड़ाई और भी रोचक होने वाली है।
अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं, तो इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिल सकता है, जो कि हरियाणा में सत्ता पर काबिज है। वहीं, I.N.D.I.A गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की संभावना कमजोर होती दिख रही है, जिससे हरियाणा की राजनीति में बदलाव की स्थिति बन सकती है।
4o