हरियाणा विधानसभा चुनावों के बीच एक बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है, जो राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे सकती है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। दोनों ही पार्टियां पहले से ही I.N.D.I.A. ब्लॉक का हिस्सा हैं, जो एक विपक्षी गठबंधन है।सूत्रों के मुताबिक, इस संभावित गठबंधन की पहल राहुल गांधी ने की है। कल सोमवार शाम को केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक के दौरान, राहुल गांधी ने हरियाणा के पार्टी नेताओं से गठबंधन की संभावना पर विचार विमर्श किया। उन्होंने इस मुद्दे पर नेताओं से उनके विचार और स्थिति के बारे में जानकारी ली।गठबंधन की चर्चा को लेकर राहुल गांधी का मानना है कि यह कदम भाजपा के खिलाफ एक मजबूत और प्रभावी विपक्षी मोर्चा बनाने के लिए फायदेमंद हो सकता है। कांग्रेस और AAP के बीच इस संभावित गठबंधन के माध्यम से चुनावी रणनीति को मजबूत किया जा सकता है और भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त अभियान चलाया जा सकता है।
अब दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत और विचार-विमर्श का दौर जारी है। इस गठबंधन के प्रभाव और संभावित लाभों पर गहन चर्चा की जा रही है। यदि यह गठबंधन अंतिम रूप लेता है, तो यह हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है और आगामी विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त प्रदान कर सकता है।कांग्रेस और AAP के नेताओं के बीच इस प्रस्ताव को लेकर बातचीत चल रही है, और जल्दी ही इस पर आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। चुनावी मौसम में इस गठबंधन की खबर ने हरियाणा की राजनीतिक हलचलों को तेज कर दिया है और आगामी चुनावों की दिशा को प्रभावित करने की संभावना है।
इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस-AAP ने मिलकर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने 9 और AAP ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस 5 सीटें जीती लेकिन आप कुरूक्षेत्र सीट हार गई थी।
हालांकि चंडीगढ़ चुनाव में एक साथ लड़ने पर कांग्रेस-आप ने निगम और लोकसभा चुनाव जीता था।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक चुनाव समिति की मीटिंग में राहुल गांधी ने नेताओं से पूछा कि क्या हमें हरियाणा में आम आदमी पार्टी से गठबंधन करना चाहिए?। वहां राय जानने की कोशिश के बाद सीनियर नेता को कहा कि वह नेताओं से बात करे। गठबंधन संभव है या नहीं और अगर हुआ तो इसके फायदे-नुकसान क्या होंगे, इसके बारे में रिपोर्ट मांगी है।
माना जा रहा है कि गठबंधन हुआ तो सीट बंटवारे को लेकर लोकसभा चुनाव वाला फॉर्मूला ही अपनाया जा सकता है। इसको लेकर आज शाम को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की दूसरी मीटिंग में स्थिति साफ हो सकती है।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर गठबंधन होता है तो AAP को केवल 3-4 सीटें दे सकते हैं। मगर, आप इससे ज्यादा मांग रही है, इसलिए गठबंधन मुश्किल है।