चंडीगढ़, 5 अप्रैल |
हरियाणा प्रदेश में सरकार के नियम हैं कोई भी कर्मचारी अधिकारी एक सीट पर एक विभाग में 3 साल से अधिक समय नहीं रह सकता, लेकिन कर्मचारियों अधिकारी अपनी सरकार की आंखों में धूल झोंक कर 15 से 20 साल तक एक ही सीट पर एक ही विभाग में कर्मचारी अपनी मनमर्जी कर जहां सरकार के नियमों के उल्लंघन कर रहे हैं. सरकार को धोखा दे रहे हैं जिसकी जानकारी अब हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी विभागों के अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं कि जो कर्मचारी 3 साल से अधिक के समय से एक ही सीट पर एक स्थान पर एक ही विभाग में बैठा हुआ है. उसकी जानकारी विभाग का मुखिया तुरंत सूची हरियाणा सरकार को भेजें अगर कोई अधिकारी मुख्य सचिव के आदेशों की उलंग ना करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यह भी मुख्य सचिव की ओर से भारतीय मुख्य को आदेश दिए गए हैं.
आखिरकार सरकार के पास क्यों नहीं है ऐसे कर्मचारी अधिकारियों की सूची
हरियाणा प्रदेश में विभिन्न विभागों के मुख्य द्वारा पिछले 10 से 15 साल के समय से हरियाणा सरकार से उन कर्मचारी और अधिकारियों की सूची छुपाई हुई है. जिन्हें 3 साल से अधिक का समय हो गया और कुछ कर्मचारी अधिकारी है. ऐसे हैं जो 20 से 25 वर्ष तक एक ही विभाग में कब्जा किए हुए हैं जिनकी शिकायत लगातार सरकार को भी जा रही है मगर अब सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी विभागों के मुखिया उसे ऐसे कर्मचारी अधिकारियों की सूची मांग ली है. जिससे उन पर कार्रवाई की जा सके और उन्हें उनके स्थान से अन्य स्थान पर बदला जा सके पिछली मुख्य सचिव की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा और मुख्य सचिव ने कहना पड़ा कि ऐसे कर्मचारी अधिकारियों की सूची दें जिन्हें काफी वर्ष हो गए हैं.और वे अपनी मनमर्जी से अपने घर पर अपने जिले में पोस्टिंग कर आए हुए हैं उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार ने नियम बनाए हुए हैं कि कोई भी कर्मचारी अधिकारी 3 वर्ष से अधिक किसी भी विभाग में पोस्टिंग नहीं करा सकता मगर यहां तो ऐसी जानकारियां मिल रही हैं जिन्हें 20 से 25 वर्ष तक हो गए एक ही विभाग में स्थान पर बैठे हुए.
पिछली सरकारों के अधिकारी, कर्मचारी कुंडली मार बैठे सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नहीं करते सुनवाई
सत्ताधारी विधायक पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता सक्रिय कार्यकर्ता पिछले 7 वर्षों से हरियाणा सरकार से सिर्फ एक ही मांग कर रहे हैं कि उनकी सुनवाई कोई भी अधिकारी नहीं करता जिससे सरकार की छवि जनता के सामने धूमल हो रही है. मुख्यमंत्री भी कई बार कह चुके हैं कि जनता के प्रतिनिधि की अधिकारी बात सुने और समस्या का समाधान करें लेकिन अधिकारियों पर किसी का भी कोई असर नहीं पड़ रहा. कई कार्यकर्ताओं ने तो ऐसे कर्मचारी अधिकारियों की सूची सरकार को भेजी हुई है जिनमें पिछली सरकारों के समय से ही एक ही सीट पर एक कर्मचारी अधिकारी ने कब्जा किया हुआ है. जिनको 20 से 25 वर्ष बीत गए हैं लेकिन उनको कोई भी इधर उधर नहीं करता मनमर्जी कर रहे हैं. जिसके चलते सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता जनता के प्रतिनिधि परेशान है. यहां तक कि फोन तक नहीं उठाते. अब देखना यह है कि मुख्य सचिव को कितने कर्मचारी अधिकारियों की सूची भेजी जाती है या नहीं या सरकार की आंखों में पहले की तर्ज पर ही भूल जाते रहेंगे कर्मचारी, अधिकारी.