हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनज़र, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कोर ग्रुप की एक महत्वपूर्ण बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवास पर आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य की बची हुई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। बैठक में हरियाणा बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व के कई प्रमुख चेहरे भी मौजूद थे, जिन्होंने पार्टी की चुनावी रणनीति पर चर्चा की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य हरियाणा की बची हुई विधानसभा सीटों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करना था। अब तक कुछ सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन कई महत्वपूर्ण सीटों पर अभी भी फैसला लेना बाकी है। बीजेपी की कोशिश है कि हर सीट पर ऐसा उम्मीदवार उतारा जाए, जो पार्टी के लिए जीत सुनिश्चित कर सके और विपक्ष को कड़ी चुनौती दे सके।
इस बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य बीजेपी अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव सहित कई प्रमुख नेता शामिल थे। इसके अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उम्मीदवारों के चयन और चुनावी रणनीति पर अपने सुझाव रखे। अमित शाह ने सभी नेताओं के साथ मिलकर उन सीटों पर मंथन किया, जहां पार्टी को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।बैठक के दौरान पार्टी द्वारा कराए गए आंतरिक सर्वे के नतीजों पर भी चर्चा हुई। इन सर्वेक्षणों में स्थानीय नेताओं की लोकप्रियता, उनके पिछले कार्यकाल की उपलब्धियां, और जनता के बीच उनकी छवि का आकलन किया गया। उम्मीदवारों के चयन में इन सर्वे रिपोर्ट्स का अहम रोल माना जा रहा है, ताकि हर क्षेत्र में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो सके।
बीजेपी का मुकाबला हरियाणा में कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD), और जननायक जनता पार्टी (JJP) जैसी पार्टियों से है। विपक्षी दलों के गठबंधन की संभावनाओं को देखते हुए बीजेपी अपने हर उम्मीदवार को मजबूती से उतारने की रणनीति बना रही है। अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बीजेपी की चुनावी तैयारियों को और तेज करने पर जोर दिया गया, ताकि पार्टी अपनी जीत को सुनिश्चित कर सके।
हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी की तैयारी जोरों पर है, और बची हुई सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर यह बैठक अहम साबित हो सकती है। अमित शाह के नेतृत्व में हुई इस बैठक से साफ है कि पार्टी अपने चुनावी अभियान को नए सिरे से धार देने की कोशिश कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी अपने उम्मीदवारों की सूची कब तक जारी करती है और चुनावी माहौल में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।