हिसार में स्कूल हेल्थ विंग को सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य रिकॉर्ड नियमित रूप से प्राप्त हो रहा है, लेकिन निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य से संबंधित कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। यह एक बड़ी समस्या बनती जा रही है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ निजी स्कूलों के बच्चों तक पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, हर साल स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों के माध्यम से बच्चों की शारीरिक और मानसिक स्थिति का आकलन किया जाता है, और जरूरत पड़ने पर उन्हें चिकित्सीय सहायता प्रदान की जाती है। सरकारी स्कूलों के बच्चों का डाटा नियमित रूप से उपलब्ध होता है, जिसके आधार पर ये जांच सुविधाएं दी जाती हैं। लेकिन, निजी स्कूलों के द्वारा अपने विद्यार्थियों की जानकारी साझा न करने के कारण उन बच्चों तक यह सेवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं।
क्या हैं नियम?
सरकारी निर्देशों के अनुसार, सभी स्कूलों, चाहे वह सरकारी हों या निजी, को अपने विद्यार्थियों का पूरा स्वास्थ्य संबंधी रिकॉर्ड स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा करना अनिवार्य है। इसका उद्देश्य यह है कि बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा सके और उन्हें उचित समय पर चिकित्सा सहायता दी जा सके। लेकिन निजी स्कूलों द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे उनके विद्यार्थियों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।
विभाग की चिंताएं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या पर चिंता व्यक्त की है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिना डेटा के निजी स्कूलों के विद्यार्थियों की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करना असंभव हो जाता है। इसके चलते कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाता। साथ ही, अगर कोई महामारी फैलती है या किसी विशेष स्वास्थ्य समस्या का पता चलता है, तो उन बच्चों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है जो इस जानकारी से बाहर हैं।
समाधान की दिशा में कदम
स्वास्थ्य विभाग ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए निजी स्कूलों को अपने विद्यार्थियों का डेटा साझा करने के लिए नोटिस जारी करने का फैसला किया है। विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी बच्चे, चाहे वे किसी भी स्कूल में पढ़ते हों, स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहें। इसके साथ ही, सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि निजी स्कूल इस जिम्मेदारी से बच न सकें और सभी बच्चों का समुचित स्वास्थ्य आकलन हो सके।
अधिकारियों का कहना है कि यदि जल्द ही निजी स्कूलों द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो वे सख्त कार्रवाई करने पर विचार कर सकते हैं।
हिसार के स्कूल हेल्थ विंग के पास निजी स्कूलों के विद्यार्थियों का डेटा न होना एक गंभीर समस्या है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। सभी बच्चों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है, और इसके लिए निजी स्कूलों को अपने विद्यार्थियों का डेटा विभाग को उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि समय पर स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जा सकेंगी।