- मुख्यमंत्री ने कुरूक्षेत्र में महात्मा ज्योतिबा फुले चौंक का किया उदघाटन एवं मूर्ति का किया अनावरण
- मुख्यमंत्री ने की अपने निजी कोष से 31 लाख और सांसद नायब सिंह सैनी के कोष से 21 लाख रुपये समाज को देने की घोषणा
चंडीगढ़, 11 अप्रैल
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपना पूरा जीवन किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित किया. इन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने की पहल भी की. इन महापुरुष की शिक्षाओं को आज लोगों को अपने जीवन में धारण करने की जरुरत है.
मुख्यमंत्री मंगलवार को कुरूक्षेत्र में सैनी समाज सभा एवं समस्त सैनी समाज की तरफ से महात्मा ज्योतिबा फुले के राज्य स्तरीय जयंती समारोह में बोल रहे थे. इससे पहले मुख्यमंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले चौंक का उदघाटन करने के उपरांत महात्मा ज्योतिबा फुले की मूर्ति का अनावरण किया. इसके उपरांत मुख्यमंत्री, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, चेयरमैन एवं विधायक रामकरण काला, विधायक रामकुमार कश्यप एवं अन्य गणमान्यों ने जयंती समारोह में महात्मा ज्योतिबा फुले की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए. समारोह में मनोहर लाल ने अपने निजी कोष से सैनी समाज को 31 लाख रुपये तथा सांसद नायब सिंह सैनी की ओर से 21 लाख रुपये देने की घोषणा की.
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने एक नई सोच के साथ काम करने का कार्य किया. इस सोच के तहत महापुरुषों व संतों को याद करने तथा युवाओं को प्रेरित करने के लिए महापुरुषों की जयंती को सरकारी तौर पर मनाने का निर्णय लिया. इसी कड़ी में ही महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इससे पहले कुरुक्षेत्र में ही महापुरुष भगत शिरोमणी धन्ना भगत की जयंती को भी मनाने का संकल्प लिया गया था. इसी संकल्प के तहत 23 अप्रैल को कैथल के धनौरी गांव में जयंती समारोह का आयोजन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जीवनी को आदि काल से ही याद किया जाता है. इन महापुरुषों ने समाज के लोगों को जीवन जीने का सार दिया. इसी कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए जो आज भी पूर्णत: प्रांसगिक है. उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपना पूरा जीवन शिक्षा को समर्पित किया. यह महापुरुष सही मायनों में समाज सुधारक थे. इस महापुरुष ने कहा था कि शिक्षा के बिना कुछ नहीं है, जो व्यक्ति शिक्षित नहीं होगा, उसका जीवन सफल नहीं हो पाएगा. इसलिए मनुष्य को आगे बढऩे के लिए शिक्षित होना जरुरी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1883 में जब महात्मा ज्योतिबा फुले ने गांवों में महिला शिक्षा स्कूल खोलने का प्रयास किया तो लोगों ने विरोध किया. इस विरोध के चलते महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपना गांव छोडक़र दूसरे गांव में स्कूल खोला और महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवन से प्रेरित होकर लगातार काम कर रही है. सरकार ने अंत्योदय की भावना से अनेक योजनाएं शुरू की है और अति पिछड़े व्यक्ति को साथ जोडऩे का काम किया है. पिछले 5 सालों में अति पिछड़ा वर्ग के लोगों का डाटा एकत्रित किया है. इन आंकड़ों के आधार पर सरकार योजनाएं बना रही है. सरकार ने अब 1 लाख 80 हजार से कम आय के वर्गों को गरीब माना है और इस सोच के साथ 12 लाख 50 हजार परिवारों का राशन कार्ड बनाकर राशन बांटने का काम किया है. महात्मा ज्योतिबा फुले ने किसानों का उद्घार करने के लिए भी अनेकों कार्य किए और पानी बचाने का संदेश भी दिया. सरकार ने इसी सोच के साथ किसानों को जागरुक किया और किसानों ने सरकार की बात मानते हुए पानी बचाने के लिए आगे आए तथा 1 लाख 75 हजार एकड़ भूमि पर धान की कम बिजाई की है.