वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करते हुए 1 करोड़ छात्रों को इंटर्नशिप देने का वादा किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उनके कौशल का विकास करना है।
सरकार का प्लान:
- उद्देश्य: 1 करोड़ युवाओं को 500 टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप प्रदान करना।
- बजट: इस योजना के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
योग्यता और चयन प्रक्रिया:
- योग्यता:
- उम्मीदवार की आयु 21 से 24 वर्ष होनी चाहिए।
- उम्मीदवार ने फुल-टाइम कोर्स किया हो।
- निष्कासन:
- आईआईटी, आईआईएम, IISER से पढ़ाई करने वाले छात्र।
- सीए या सीएमए जैसी डिग्री रखने वाले छात्र।
- जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी है या इनकम टैक्स के दायरे में आता है।
- चयन प्रक्रिया: कंपनियों द्वारा प्रोफाइल के हिसाब से योग्यता तय की जाएगी।
इंटर्नशिप की विशेषताएं:
- कंपनियां: 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी। शामिल होने वाली कंपनियों की सूची बाद में जारी की जाएगी।
- स्टाइपेंड:
- हर छात्र को 5000 रुपये प्रति माह स्टाइपेंड मिलेगा।
- एक बार की सहायता के रूप में 6000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
- फेज:
- पहला फेज दो साल के लिए।
- दूसरा फेज तीन साल के लिए।
- ट्रेनिंग का खर्च: कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा।
- CSR फंड: कंपनी अपने CSR फंड में से 10% खर्च करेगी।
CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी):
- परिभाषा: कंपनियों द्वारा अपने लाभ का कुछ हिस्सा सामाजिक और पर्यावरण संबंधी कार्यों में खर्च करना।
- प्रावधान: बड़ी कंपनियां अपने कुल लाभ का 2% CSR के लिए खर्च करती हैं। विदेशी कंपनियां भी भारत में काम करते समय यह फंड बनाती हैं।
आवेदन प्रक्रिया:
- ऑनलाइन आवेदन: विस्तृत जानकारी बाद में जारी की जाएगी।
यह योजना युवाओं को उनकी करियर की शुरुआत में ही एक ठोस आधार प्रदान करने में सहायक होगी, जिससे वे बेहतर तरीके से अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।