- हुड्डा की तर्ज पर पहले मुख्यमंत्री के दावेदारों को निपटाया
- वर्ष 2003 से 2005 तक पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने भी लगाया था जनता दरबार लेकिन आज तक सत्ता में वापसी नहीं
गुरुग्राम,17अप्रैल।
राजनीति में कब क्या हो जाए किसी को पता नहीं लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष 2023 से प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनसंवाद के माध्यम से लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया है और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों की फौज के साथ गांव गांव जा रहे हैं. प्रदेश के भिवानी से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जनसंवाद शुरू किया 3 दिन भिवानी के गांव में रहकर लोगों की नब्ज टटोलने क्या प्रयास किया और 3 दिन पलवल जिले में गांव गांव में जाकर लोगों के बीच उनकी नब्ज टटोलने का काम किया लेकिन कई गांव में मुख्यमंत्री को कोई खास सफलता नहीं मिली.
वर्ष 2003 से 2005 तक पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने भी जनता दरबार लगाया था और उस समय भी वोटरों की नब्ज टटोलने का काम किया था लेकिन गांव गांव में जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की अब तक सत्ता वापसी नहीं हो पाई. जनता ने उन्हें सत्ता से हटाकर प्रदेश में है संदेश दिया जो जनता की समस्या को गंभीरता से नहीं लेते उनको जनता सत्ता में बर्दाश्त नहीं करती.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रास्ते पर चलकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहले अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री के दावेदारों को साइडलाइन किया जो अब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए जनता के बीच दावा करते ही नजर आ रहे हैं मगर मुख्यमंत्री ने दावेदारों को किनारे लगा दिया और अब भी भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री के हरियाणा प्रदेश में दावेदार साइलेंट मूड में आ गए इससे पहले कांग्रेस की सरकार के समय उस समय के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी कांग्रेस में मुख्यमंत्री के दावेदार को ठिकाने लगा दिया था, जो उस समय कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर रहे थे. वही कांग्रेसी नेता भाजपा पार्टी में जाकर एक बार फिर मुख्यमंत्री का दावा करने लगे मगर उनकी वहां भाजपा में भी एक नहीं चली और उनका मुख्यमंत्री का दावा सपने बनकर रह गया.
पूर्व मुख्यमंत्री ओम पकाश चौटाला ने 2 साल तक जनता दरबार लगाकर वोटरों की नब्ज टटोली थी
वर्ष 2004 इनेलो के मुखिया पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने गांव में जनता दरबार लगाकर गांव- गांव की फिरनी श्मशान घाट के अलावा अनेक विकास कार्य अरबों खरबों रुपए लगाकर कराएं लेकिन जनता ने उन्हें सत्ता से हटाकर यह संदेश दिया जनता शिक्षित हो चुकी है और सब कुछ जानती है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इसलिए कुर्सी से हाथ धोना पड़ा उन पर उनके क्षेत्र में ही विकास कार्य और उन्हीं के क्षेत्र से सरकारी नौकरियां अन्य क्षेत्र के साथ भेदभाव महंगा पड़ा. जनता ने उन्हें भी सत्ता से बेदखल कर दिया इस समय हरियाणा की सत्ता की चाबी भारतीय जनता पार्टी के पास है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की तर्ज पर प्रदेश में जनता की नब्ज टटोलने के लिए निकल पड़े हैं. जनता की नब्ज टटोलने में मुख्यमंत्री कितने सक्षम होते हैं यह तो विधानसभा चुनाव ही बताएंगे मगर मुख्यमंत्री की तरफ से प्रयास तो किए जा रहे हैं लेकिन उनके आश्वासनों पर प्रशासनिक अधिकारी गौर नहीं कर रहे हैं और जनता के बीच सरकार की छवि खराब करने में अधिकारियों की अहम भूमिका बनती जा रही है.