कॉलोनियों को नियमित करने तथा अवैध निर्माण रोकने के कार्यों की समीक्षा
- गुरुग्राम में नगर निगम के दायरे से बाहर नियंत्रित क्षेत्र में नियमित होने वाली कॉलोनियों की संख्या हुई 24
- गुरुग्राम, 8 सितंबर। डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा अनियमित कॉलोनी को नियमित करने के लिए निर्धारित मानकों का गंभीरता से पालन होना चाहिए। सरकार के नियमों के आधार पर पात्रता पूरी करने वाली कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव आगे भेजा जाए। उन्होंने यह बात शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में अवैध निर्माण रोकने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स व कॉलोनियों को नियमित करने के लिए गठित जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कही।
निशांत कुमार यादव ने जिला में निगम क्षेत्र से बाहर नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के नियंत्रित क्षेत्र में पात्रता पूरी करने वाली कॉलोनियों की निर्धारित मानकों के अनुसार समीक्षा की। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा बैठक में तीन नई कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव रखा गया। डीसी ने कहा कि जिला में नियंत्रित क्षेत्र में नियमित होने की पात्रता पूरी करने वाली कॉलोनियों की संख्या अब बढक़र 24 हो गई है। नई कॉलोनियों का प्रस्ताव भी शीघ्र ही सरकार के पास भिजवाया जाएगा। इससे पहले भी निर्धारित मानकों को पूरा कर रही कॉलोनियों की पहली सूची मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजी जा चुकी है।
बैठक में डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि सरकार से मिले निर्देशों के तहत जिला में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा निगम क्षेत्र से बाहर बसी अनियमित कॉलोनियों का वर्ष 2021 में सर्वे कराया गया था। जिसमें 102 कॉलोनियों को चिह्नित किया गया था। जिसमें से निर्धारित मानकों को पूरा कर रही कॉलोनियों की सूची पहले भी भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने का रास्ता अब और आसान बना दिया है। उन्होंने बताया कि कॉलोनी को नियमित करने की पात्रता में पहली शर्त, कॉलोनी का क्षेत्रफल न्यूनतम दो एकड़ होना चाहिए तथा भीतरी सडक़ें कम से कम तीन मीटर चौड़ी होनी चाहिए। वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग की सडक़ से कॉलोनी के संपर्क की फिजिब्लिटी के बारे में भी प्रस्ताव में रिपोर्ट होनी चाहिए।
बैठक में डीटीपी(ई) मनीष यादव ने अवैध निर्माण रोकने के लिए विभाग की कार्रवाई व नई कॉलोनियों के प्रस्ताव से समिति को अवगत कराया। डीसी ने कहा कि जिला में अवैध निर्माण रोकने तथा सौंदर्यीकरण के लिए एसीपी मुख्यालय को पुलिस संबंधी कार्यों के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही जो भी विभाग अपनी कार्रवाई के लिए पुलिस सुरक्षा व ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मांग करेगा तो उसी विभाग के अधिकारी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया जाएगा। वहीं एक दिन में दो से अधिक विभाग अतिक्रमण हटाने या तोडफ़ोड़ नहीं करेंगे।