11 दिसंबर 2025
वैश्विक स्तर पर चल रहे टैरिफ युद्ध का असर अब कई देशों की नीतियों में साफ दिखाई देने लगा है। अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में चीन समेत कई देशों पर लगातार टैरिफ बढ़ाए, और अब उसी तरह का कदम मैक्सिको ने भी उठाया है। मैक्सिको की सीनेट ने चीन सहित कई एशियाई देशों से आयातित उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले को मैक्सिको की आर्थिक नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
इस टैरिफ का असर कई तरह के उत्पादों पर देखने को मिलेगा—जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, स्टील, केमिकल्स, मशीनरी, फर्नीचर, प्लास्टिक उत्पाद, खिलौने और रोजमर्रा की उपयोग वाली कई चीजें। मैक्सिको की स्थानीय कंपनियों का कहना है कि चीन और अन्य एशियाई देशों से आने वाले सस्ते उत्पाद उनकी इंडस्ट्री को काफी नुकसान पहुंचा रहे थे। कम दाम के कारण विदेशी उत्पाद बाजार में तेजी से बिकते थे, जिससे स्थानीय उत्पादन प्रभावित होता था। इसलिए सरकार अब घरेलू उद्योग को बचाने के लिए यह कदम उठा रही है।
हालांकि, यह फैसला मैक्सिको के उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। बढ़े हुए टैरिफ के कारण कई उत्पादों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले महीनों में जरूरी और इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे होने की संभावना है।
इस कदम का असर अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी पड़ेगा। चीन इस टैरिफ को सकारात्मक नजर से नहीं देखेगा, और संभव है कि वह इसके बदले में कोई कड़ा कदम उठाए। इससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। दूसरी ओर, अमेरिका इस कदम को अपने हित में देख सकता है, क्योंकि वह पहले से ही चीन की आर्थिक ताकत को सीमित करने की कोशिश करता रहा है।
कुल मिलाकर, मैक्सिको का यह 50% टैरिफ अटैक वैश्विक बाजार, एशियाई देशों और सप्लाई चेन के समीकरणों को बदल सकता है।
