प्रशासन ने मदद को पब्लिक के आगे हाथ फैलाए
ग्रामीण शासन प्रशासन को कोसते हुए कर रहें हैं घरों से पलायन
- सिरसा,16 जुलाई : घग्घर नदी में पल-पल बढ़ते जलस्तर के आगे प्रशासनिक प्रबंध बौने पड़ते जा रहे हैं। घग्घर नदी में सिंचाई विभाग के अधिकारियों की कथित मिलीभगती से अवैध तौर पर बनाए गए तटबंध व उनमें अनाधिकृत तौर पर लगाए गए टयूबवैलों की दबाई गई पाईप लाइनों से रिसाव के कारण ये तटबंध एक-एक कर टूटते जा रहे हैं। दिन के समय हुई बरसात ने बाधों के टूटने की चिंता ओर बढ़ा दी है। बारिश से बचाव प्रबंधन कार्य भी प्रभावित हुआ। जिला उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने आज एक प्रैसवार्ता कर सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं व आमजन से इस विपदा से निपटने के लिए आर्थिक मदद के अलावा दवाईयां, फूड व अन्य किसी भी प्रकार के सहयोग की गुहार लगाई। आर्थिक मदद के लिए अध्यक्ष, जिला रेडक्रॉस सोसायटी सिरसा के दी सिरसा सेंट्रल कॉप्रेटिव बैंक सिरसा के खाता नंबर 000734003000218, आईएफएससी कोड नंबर व टेलीफोन नंबर 01666-298916 जारी किया। उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें राज्य सरकार से मात्र 50 लाख रूपए मिले हैं जिन्हें तटबंधों के गावों के सरपंचों को ट्रेक्टर,जेसीबी मशीनों में डीजल आदि के लिए वितरित कर दिए गए हैं। एनडीआरएफ की दो टुकडिय़ां आपात स्थिति के लिए मंगवा ली गई हैं,वहीं हिसार छावनी में सेना के अधिकारियों से बात हो चुकी है। उपायुक्त ने बताया कि वायुसेना केंद्र सिरसा के अधिकारियों ने भी इस विपदा की घड़ी में मदद के लिए स्वयं को तैयार बताया है। विभिन्न गावों में ग्रामीण शासन प्रशासन का व्यवस्था के प्रति कोसते हुए घरेलू सामान के साथ पलायन करते नजर आए।
- रविवार को तटबंध टूटने का सिलसिला जारी रहा,गांव मीरपुर,सहारणी के पास तटबंंध टूटे वहीं हजारों एकड़ में खड़ी फसल,चारे व टयूबवैल आदि को लीलने के बाद बुर्जकर्मगढ़ की गलियों तक पानी पहुंच गया वहीं पनिहारी,सहारणी व नेजाडेला में भी किसी भी वक्त जलभराव हो सकता है। बुर्जकर्मगढ़ में क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने मिट्टी के कट्टे भरने का काम किया। पनिहारी,सहारणी व नेजाडेला आदि गावों के लोगों ने आज अपने मासूम बच्चों,मवेशियों व अन्य जरूरी घरेलू सामान के साथ पलायन किया। बुर्जकर्मगढ़ के रामुकुमार ने बताया कि चंद फलांग दूरी तक गलियों में घग्घर का पानी आ चुका है। उसने कर्ज इत्यादि लेकर प्रदंह लाख किमत का नया मकान बनाया जिसमें अभी तक रिहायश भी नहीं की पानी भरने से तहस-नहस होता प्रतीत हो रहा है। इसके साथ ही पानी न घुुसने पाए इसके लिए अपने घर का मुख्य द्वार मिट्टी के थैलों व मिट्टी लगाकर बंद करने के काम में जुटे अंकुश ने बताया कि उसके पिता आगे गलियों से पानी न आए इसका प्रबंध करने गए हैं मैं यहां देख रहा हूं। अंकुश बी.कॉम द्वितीय वर्ष का छात्र है। फरवाई गांव के किसान बनवारी लाल ने बताया कि मुसाहिबवाला के पास तटबंध टूटने से उसके खेत में सौ क्ंिवटल तूड़ी का ढेर पानी में बह गया,वहीं टयूबवैल व फसल भी डूब गई है।