बीवीए का विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप
महाराष्ट्र / पालघर, 19 नवंबर – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पालघर के नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा बवाल मच गया। बहुजन विकास अघाड़ी (बीवीए) के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का गंभीर आरोप लगाया।
नालासोपारा में लोगों को प्रलोभन देने के लिए पैसे बांटे हैं
हंगामा उस समय हुआ जब भाजपा नेता विनोद तावड़े एक होटल के अंदर बैठक कर रहे थे, जबकि उनके खिलाफ बहुजन विकास अघाड़ी के विधायक क्षितिज ठाकुर और उनके समर्थक होटल के बाहर एकत्र हो गए और तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप लगाने लगे। बीवीए ने दावा किया कि तावड़े ने नालासोपारा में लोगों को प्रलोभन देने के लिए पैसे बांटे हैं, ताकि विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित हो सके।
बीवीए का आरोप:
तावड़े की यह रणनीति चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए की गई
विधायक क्षितिज ठाकुर और उनके समर्थकों ने दावा किया कि भाजपा ने नालासोपारा क्षेत्र में अपने समर्थकों को रिझाने और वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए यह पैसे बांटे। बीवीए ने यह भी कहा कि तावड़े की यह रणनीति चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए की गई थी। इसके चलते इलाके में माहौल गरमा गया और दोनों पक्षों के समर्थक आमने-सामने आ गए।
भा.ज.पा. का खंडन:
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की चुनावी हार के डर से लगाए जा रहे हैं।
भा.ज.पा. ने बीवीए के आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे विपक्षी दलों की साजिश करार दिया। पार्टी ने कहा कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और यह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की चुनावी हार के डर से लगाए जा रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता ने कहा, “यह सिर्फ एक प्रचार का हथकंडा है, जो महा विकास अघाड़ी द्वारा अपने निराशाजनक चुनावी प्रदर्शन को छुपाने के लिए किया जा रहा है।”
भा.ज.पा. ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को यह समझ में आ गया है कि महाराष्ट्र के लोग महा विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ हैं और भाजपा की लहर को रोकने के लिए वे इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं।
चुनाव से पहले का माहौल:
विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है। इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल में और गर्मी डाल दी है, क्योंकि आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेजी से बढ़ता जा रहा है। नालासोपारा में हुए इस हंगामे ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और चुनावी प्रचार में एक नई दिशा की ओर इशारा किया है।
इसके साथ ही, यह घटनाक्रम इस बात को भी उजागर करता है कि विधानसभा चुनाव में सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा इतनी तीव्र हो गई है कि पार्टियां अपने विरोधियों को कमजोर करने के लिए किसी भी हद तक जा रही हैं।