डीसी ने संबंधित विभागों को वर्तमान सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ ही अन्य संसाधनों में इजाफे के दिए निर्देश
- डीसी ने ग्राम पंचायतों से प्ले वे स्कूल गोद लेने का किया आह्वान
गुरुग्राम, 11 अक्तूबर।
डीसी निशांत कुमार यादव ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के फ्लैगशिप प्रोग्राम के तहत जिला में 104 आंगनवाड़ी सैंटरों को अपग्रेड करके प्ले वे स्कूल बनाया गया है। इसलिए इन प्ले वे स्कूलों में बच्चों के सर्वागीण विकास की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सरकार की हिदायतों के अनुरूप सभी विभाग ग्राम सभा के आपसी तालमेल से मौजूदा सुविधाओं में आवश्यक सुधार के साथ ही अन्य संसाधनों में बढ़ोतरी सुनिश्चित करें ताकि प्ले वे स्कूलों में आने वाले छोटे-छोटे बच्चों को कुछ नया सीखने को मिले।
डीसी ने लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बचपन के प्रारंभिक चरण से लेकर वयस्कता तक, सामाजिक व बौद्धिक विकास गतिविधियाँ हमारे पारस्परिक कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और समग्र कल्याण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक बचपन में ऐसी गतिविधियाँ जो साथियों के साथ साझा करने, सहयोग और संचार को प्रोत्साहित करती हैं, जीवन में बाद में स्वस्थ सामाजिक संपर्क व उज्ज्वल भविष्य की नींव रखती हैं। डीसी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जल्द से जल्द प्ले स्कूलों में आर ओ को इंस्टाल करवा पीने के स्वच्छ पानी की व्यवस्था करवाएं, छोटे बच्चों के लिए बेबी टॉयलेट शीट, बिजली की व्यवस्था, रसोई घर का निर्माण कार्य व बाला पेंटिंग जैसे कार्यो को पंचायत से रेजोल्यूजन पास करवा और विभाग के आपसी तालमेल कर पूरा करवाएं। डीसी ने बताया कि सरकार की प्ले स्कूल की योजना के तहत यहां पर रसोई, शौचालय, बिजली व पानी आदि की उत्तम व्यवस्था की जानी है। साथ ही बच्चों के लिए खिलौने आदि की उपलब्धता भी की जानी है। उन्होंने बताया कि प्ले स्कूलों में बच्चे के महत्वपूर्ण विकासों को ध्यान में रख कर विभिन्न गतिविधियों तथा खेल के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। जैसे शारीरिक विकास के लिए बटन लगाना, चुटकी बजाना, ताली बजाना, क्ले से खेलना, कागज फाड़ना आदि है। इससे बच्चे की सूक्ष्म मांसपेशियों का विकास होता है। रस्सी कूदना, उछलना, रस्सी पर चलना, सीढियां चढना व उतारना, हल्का व्यायाम करना आदि से स्थूल मासपेशियों का विकास होता है। वर्गीकरण करना, आकार बताना, छोटा बड़ा बताना, मिलान करना, स्वाद बताना, खुशबु पहचान करना आदि से बौद्धिक विकास होगा, आंगनवाड़ी में आकर अपनी अध्यापिका का अभिनन्दन करना, प्रार्थना करना, एक साथ खेलना, अपनी बारी का इंतजार करना, से सामाजिक विकास होगा, कहानी सुनना, बाल गीत, गपशप, स्वतंत्र वार्ता आदि से भाषा का विकास होगा।
104 प्ले स्कूल की रिपार्ट भी तलब की,
डीसी ने इस बारे में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी(सीएमजीजीए) से जिला की सभी 104 प्ले स्कूल की रिपार्ट भी तलब की, जिसमे बताया कि गुरुग्राम जिला में गुरुग्राम ब्लॉक में 15, निगम क्षेत्र में 19, फर्रूखनगर ब्लॉक में 24, पटौदी व सोहना ब्लॉक में 23-23 प्ले स्कूल का संचालन किया जा रहा है। डीसी ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पहली कक्षा से पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करना अनिवार्य होगा। पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण किये बिना ऐसे बच्चे सही प्रकार से शिक्षा ग्रहण नहीं कर सकते और उनका सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार जिला में पहली कक्षा से पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए 104 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में बदला गया है। जिसमें बच्चों की योग्यता और रुचियों को ध्यान में रखते हुए उनको शिक्षा प्रदान की जाएगी और बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार किया जाएगा। डीसी ने जिला के सरपंचों से आह्वान किया कि बच्चों के सर्वागीण विकास की इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायत अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए
प्ले स्कूल को गोद भी ले सकती हैं।