झारखंड/नई दिल्ली, 13 नवंबर – झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, और चुनावी मुकाबला एक नए तरह के मुद्दे पर केंद्रित हो गया है। भाजपा ने बीते विधानसभा और लोकसभा चुनावों में आदिवासी क्षेत्र में मिले झटके से उबरने के लिए इस बार एक नया चुनावी मुद्दा उठाया है, जिसे पार्टी लव जिहाद, वोट जिहाद और लैंड जिहाद के रूप में प्रस्तुत कर रही है। भाजपा का आरोप है कि अल्पसंख्यक समुदाय और बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासी क्षेत्रों में लव जिहाद के जरिए आदिवासी लड़कियों से शादी की और इसके सहारे बड़ी मात्रा में जमीनों पर कब्जा किया है।
क्षा के नाम पर लव जिहाद, वोट जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मुद्दे को प्रमुख बनाकर चुनावी प्रचार
इस बार का चुनावी मुकाबला आदिवासी अस्मिता और ‘ट्रिपल जिहाद’ के मुद्दे पर सख्त हो गया है। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) आदिवासी अस्मिता की रक्षा के नाम पर लव जिहाद, वोट जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मुद्दे को प्रमुख बनाकर चुनावी प्रचार कर रहा है, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन आदिवासी अधिकारों और अस्मिता की रक्षा की बात कर रहा है।
झारखंड विधानसभा चुनाव का पहला चरण: पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान होना है, जिनमें 20 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों का परिणाम यह तय करेगा कि आदिवासी अस्मिता को अहम मुद्दा बनाने वाला इंडिया गठबंधन सत्ता में रहेगा, या फिर भाजपा की ‘ट्रिपल जिहाद’ वाली रणनीति के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्ता में वापसी करेगा।
भाजपा के सत्ता में रहने की कोशिशों पर पानी फेर दिया था।
आदिवासी अस्मिता बनाम ट्रिपल जिहाद: बीते चुनाव में 43 सीटों में से 27 सीटें जीत कर इंडिया गठबंधन ने भाजपा के सत्ता में रहने की कोशिशों पर पानी फेर दिया था। अब भाजपा ने आदिवासी क्षेत्रों में अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए इन तीन मुद्दों को अपनी चुनावी रणनीति में शामिल किया है। भाजपा का कहना है कि आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ते धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए लव जिहाद, वोट जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाना जरूरी है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पैठ बनाई
भाजपा का आरोप है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों ने आदिवासी क्षेत्रों में अपनी पैठ बनाई है और वहां के आदिवासी समुदाय की ज़मीनों पर कब्जा कर लिया है। उनका कहना है कि आदिवासी लड़कियों से शादियां करने के बाद इन घुसपैठियों ने एक संगठित तरीके से स्थानीय ज़मीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया।
आदिवासी समुदाय के लिए ज़मीन और संस्कृति सबसे बड़ी पहचान है,
झामुमो और इंडिया गठबंधन का रुख: वहीं, झामुमो और इंडिया गठबंधन आदिवासी अस्मिता और उनके अधिकारों की रक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। झामुमो का कहना है कि आदिवासी समुदाय के लिए ज़मीन और संस्कृति सबसे बड़ी पहचान है, और वे इसे किसी भी हाल में बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। झामुमो ने अपने चुनावी अभियान में आदिवासी समुदाय के सामाजिक और आर्थिक विकास की बात की है और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष को अपना मुख्य एजेंडा बनाया है।
झारखंड की राजनीति में आदिवासी अस्मिता का मुद्दा हमेशा से एक संवेदनशील विषय रहा है, और इस चुनाव में आदिवासी वोटर्स की भूमिका अहम होगी। आदिवासी वोटों को अपनी तरफ करने के लिए दोनों प्रमुख गठबंधनों ने पूरी ताकत झोंक दी है।
भाजपा ने आदिवासी क्षेत्रों में माहौल गरमाया हुआ है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार ‘आदिवासी अस्मिता बनाम ट्रिपल जिहाद’ का मुकाबला सामने आ रहा है। भाजपा ने अपने चुनावी मुद्दों में लव जिहाद, वोट जिहाद और लैंड जिहाद को शामिल किया है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में माहौल गरमाया हुआ है। वहीं, झामुमो और इंडिया गठबंधन आदिवासी अधिकारों और अस्मिता की रक्षा को लेकर मजबूत स्थिति में है। 43 सीटों पर होने वाला मतदान न केवल झारखंड की राजनीति के भविष्य को तय करेगा, बल्कि यह भी बताएगा कि आदिवासी वोट बैंक के लिए यह चुनाव किसके पक्ष में जाएगा।