
कब्जा से 05 मोबाईल फोन (फर्जी दस्तावेजों बनाने व फोन करने में प्रयोग किए गए) व 70 हजार रुपयों की नगदी बरामद।
लोन कम्पनी के डेटा चोरी करके लोन लेने वाले लोगों को सस्ते ब्याज दर पर लोन दिलाने व पुराने लोन के रुपयों को क्लोज/बन्द कराने का झांसा देते हुए ठगी करने वाले 07 आरोपी गिरफ्तार।
कब्जा से 05 मोबाईल फोन (फर्जी दस्तावेजों बनाने व फोन करने में प्रयोग किए गए) व 70 हजार रुपयों की नगदी बरामद।
गुरुग्रामः 2 सितम्बर ,
पुलिस थाना साईबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में एक अभियोग लोन देने वाली कम्पनी के ग्राहकों का डेटा लीक करने और इनकी कम्पनी के ग्राहकों को कम ब्याज में लोन उपलब्ध कराने का प्रलोभन देकर धोखाधङी से ठगी करने के सम्बन्ध में अंकित किया गया।
प्रियांशु दीवान सहायक पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम की देखरेख में तथा निरीक्षक संदीप कुमार, प्रबन्धक थाना साईबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम के नेतृत्व में मुख्य सिपाही जितेन्द्र ने पुलिस टीम के साथ कार्यवाही करते हुए उपरोक्त अभियोग में ठगी करने वाले 07 आरोपियों को काबू करने में बङी सफलता हासिल की है। आरोपियों की पहचान 1. मोहम्मद मुज्जफर अली निवासी गांव महसपुर, जिला वैशाली (बिहार) वर्तमान कापसहेड़ा (दिल्ली), 2. अमीर हुसैन निवासी साउथ 24 परगना (पश्चिम-बंगाल) वतर्मान निवासी गाँव शेखाना खुर्द, बिहार शरीफ, जिला नालन्दा (बिहार), 3. मोहम्मद कासिफ निवासी गाँव शेखाना खुर्द, बिहार शरीफ, जिला नालन्दा (बिहार), 4. मोहम्मद इरफान अंसारी निवासी गाँव मिर्जापुर, जिला दरबंगा (बिहार) वर्तमान निवासी कापसहेड़ा (दिल्ली), 5. अंकित कुमार निवासी कापसहेड़ा (दिल्ली), 6. सुमित ढिका निवासी नांगली विहार (दिल्ली) व 7. सुमित कुमार निवासी केशवपुर शाहजहांपुर (उत्तर-प्रदेश) वर्तमान निवासी कापसहेड़ा (दिल्ली) के रुप में हुई। आरोपी मोहम्मद मुज्जफर को गुरुग्राम से, दिनांक 30.08.2025 को आरोपी अमीर हुसैन, आरोपी मोहम्मद कासिफ को नालन्दा (बिहार) से, दिनांक 30.08.2025 को आरोपी मोहम्मद ईरफान अंसारी, आरोपी अंकित कुमार को गुरुग्राम से तथा दिनांक 31.08.2025 को आरोपी सुमित ढिका व आरोपी सुमित कुमार को गुरुग्राम से काबू करके अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को अदालत के सम्मुख पेश किया गया और आरोपी मोहम्मद मुज्जफर अली, अमीर हुसैन व मोहम्मद कासिफ को 03 दिन के पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर तथा आरोपी ईरफान व अंकित 02 दिन के पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया गया।
▪️आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ये सभी कापसहेङा (दिल्ली) में रहते है और एक दुसरे को आपस में जानते थे। उपरोक्त आरोपी मोहम्मद मुज्जफर के अन्य साथी लोन देने वाली कम्पनी से डेटा लेकर उस कम्पनी के ग्राहकों से फोनकॉल करते और उन्हें कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर उन्हें अपने विश्वास में ले लेते, फिर उनके द्वारा लिए गए लोन के समाप्त करने तथा सस्ते ब्याज पर लोन दिलाने का झांसा देकर रुपए की ठगी करने के काम करते है।
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि आरोपी मोहम्मद मुज्जफर ने अपने अन्य साथियों से प्रेरित होकर उपरोक्त प्रकार से ठगी करने की योजना बनाई, जिसके लिए इसने उपरोक्त अन्य साथी आरोपियों से सम्पर्क किया और ये ठगी करने लगे। आरोपी मोहम्मद उपरोक्त अभियोग में शिकायतकर्ता की लोन देने वाली कम्पनी में काम करने वाले इसके साथी आरोपी ईरफान (लोन कम्पनी में सेल्स टेलेकॉलर/Ex-Employee), सुमित ढिका (लोन कम्पनी में सिनियर स्पेशलिस्ट) व समित कुमार (लोन कम्पनी में जुनियर ऑपरेटर) से कम्पनी से वर्तमान में लोन लेने वाले लोगों का डेटा प्राप्त करता और उस डेटा को अपने साथी अमीर हुसैन व मोहम्मद कासिफ को दे देता। आरोपी हुसैन व कासिफ उस डेटा में दिए गए लोन लेने वाले लोगों को फोनकॉल करते और उन्हें उनके लोन की पूर्ण जानकारी देते, ताकि उन्हें विश्वास हो जाए की ये लोन कम्पनी के प्रतिनिधी है। फोन पर बात करते हुए ये उस व्यक्ति को कहते कि आपको मंहगे ब्याज दर पर लोन दिया गया है, हम आपको इससे बहुत कम/सस्ते ब्याज दर पर लोन दिला देगें आप लिए हुए लोन को जमा कर दो, और ये फिर उन्हे लोन बन्द कराने का तरीका बताते हुए कहते आपने जो लोन लिया हे उसको आप रिटर्न कर दो, जिसके लिए ये पहले से इनके साथियों द्वारा लोन कम्पनी के मान से तैयार की गई UPI ID, QR Code भेज देते ताकि उन्हें विश्वास हो जाए कि ये लोन कम्पनी को ही रुपए वापस भेज रहे है। फोन पर बात करते हुए ये इनके द्वारा भेजे गए QR Code/ UPI ID पर रुपए ट्रान्सफर करवा लेते और उस व्यक्ति/कम्पनी के ग्राहक को लोन क्लोज करने का एक फर्जी दस्तावेज तैयार करके भेज देते। इनके द्वारा जिस UPI ID, QR Code के माध्यम से जिस बैंक में रुपए ट्रान्सफर कराए जाते थे वह बैंक खाता/ UPI ID/QR Code इनका साथी आरोपी अंकित (कापसहेङा में CSC सैन्टर चलाता है) उपरोक्त उपलब्ध करवाता था। रुपये ट्रान्सफर कराने के आरोपी हुसैन व कासिफ अपने साथी मोहम्मद मुज्जफर को बताते और मोहम्मद मुज्जफर आरोपी अंकित से ट्रान्सफर किए गए रुपए नगद प्राप्त कर लेता। ठगी करने के लिए आरोपी मोहम्मद मुजफ्फर अली द्वारा कॉलिंग करने वाले आरोपी अमीर हुसैन को 7 प्रतिशत, आरोपी मोहम्मद कासिफ को 15 प्रतिशत कमीशन, आरोपी अंकित को 20 से 30 प्रतिशत कमीशन देता था तथा आरोपी सुमित ढिका, आरोपी सुमित कुमार व आरोपी ईरफान को 01 लोन धारक का डेटा के बदले 05 हजार रुपए देता था।