नई दिल्ली, 13 नवंबर – दिल्ली और एनसीआर में ठंड के बढ़ने और प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ-साथ धुंध का असर भी बढ़ता जा रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को अगले कुछ दिनों तक ठंड और प्रदूषण के मिश्रण का सामना करना पड़ेगा। सोमवार की तुलना में मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 334 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इस स्थिति से न केवल लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, बल्कि आंखों में जलन और दृश्यता में कमी भी महसूस की जा रही है।
धुंध और स्मॉग की चादर छाई
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में धुंध और स्मॉग का असर बढ़ता जा रहा है, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर में सुबह और शाम के समय दृश्यता में गिरावट देखी जा रही है। मंगलवार सुबह, सफदरजंग एयरपोर्ट पर दृश्यता 1000 मीटर तक रिकॉर्ड की गई, जबकि पालम में भी दृश्यता 1000 मीटर रही। इसका असर सड़क यातायात पर पड़ा, क्योंकि वाहन चालकों को दूर तक साफ-साफ नहीं दिखाई दे रहा था।
प्रदूषण के प्रमुख कारण
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का प्रमुख कारण हवा में पराली जलने का बड़ा योगदान है। डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के आंकड़ों के अनुसार, हवा में पराली से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी सबसे अधिक 18.094 फीसदी रही। वहीं, ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा 15.493 फीसदी था। कूड़ा जलाने से होने वाला प्रदूषण 1.417 फीसदी रहा। प्रदूषण की इस बढ़ती स्थिति पर दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, जबकि असल में हरियाणा के खेतों में पराली जलाने की समस्या अभी भी जारी है।
किसानों की समस्याएं
गेहूं की बुवाई की तैयारी में किसानों के पास इतना समय नहीं होता
किसान राकेश कुमार का कहना है कि चावल की फसल काटने के बाद गेहूं की बुवाई की तैयारी में किसानों के पास इतना समय नहीं होता कि वे पराली को काटकर खेतों से निकालें। सरकार की ओर से सही ढंग से पराली निपटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे यह समस्या बनी हुई है। किसान बताते हैं कि उन्हें पराली जलाने के सिवा कोई विकल्प नहीं मिलता, क्योंकि समय की कमी और व्यवस्था की कमी के कारण पराली से निपटना मुश्किल हो जाता है।
ठंड का असर बढ़ेगा
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आएगा
दिल्ली और एनसीआर में ठंड का असर भी अगले कुछ दिनों में बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आएगा और पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाएगी। इसके कारण मैदानी इलाकों में ठंड का अहसास बढ़ेगा। बृहस्पतिवार तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में असर दिख सकता है, और इस दौरान ठंड के साथ-साथ धुंध और स्मॉग भी बने रहने की संभावना है।
मौसम का पूर्वानुमान
शाम और रात के समय स्मॉग और धुंध की स्थिति बनी रह सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को कुछ स्थानों पर सुबह के समय हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा और धुंध रहने की संभावना है। साथ ही, शाम और रात के समय स्मॉग और धुंध की स्थिति बनी रह सकती है। हालांकि, दिन में आसमान साफ रहने का अनुमान है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की स्थिति शुक्रवार तक खराब बनी रहेगी और इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा।
बढ़ते प्रदूषण, धुंध और ठंड के कारण लोगों को सांस लेने में गंभीर समस्याएं हो रही हैं।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण, धुंध और ठंड के कारण लोगों को सांस लेने में गंभीर समस्याएं हो रही हैं। इस स्थिति में प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारों को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, खासकर पराली जलाने और यातायात के प्रदूषण को लेकर। इसके साथ ही, आने वाले दिनों में ठंड में और बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे मौसम और प्रदूषण दोनों का संयुक्त असर महसूस होगा।
दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न शहरों का एक्यूआई:
- दिल्ली: 334 (बेहद खराब)
- ग्रेटर नोएडा: 277 (बहुत खराब)
- गाजियाबाद: 245 (बहुत खराब)
- नोएडा: 222 (बहुत खराब)
- गुरुग्राम: 219 (बहुत खराब)
- फरीदाबाद: 198 (बहुत खराब)
यह आंकड़े सीपीसीबी के द्वारा जारी किए गए हैं और इनका संकेत है कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत देता है।
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अधिकतम एक्यूआई:
- आनंद विहार: 405 (अत्यंत खतरनाक)
- जहांगीरपुरी: 387 (अत्यंत खतरनाक)
- वजीरपुर: 384 (अत्यंत खतरनाक)
- रोहिणी: 376 (अत्यंत खतरनाक)
- मुंडका: 372 (अत्यंत खतरनाक)
- बवाना: 365 (अत्यंत खतरनाक)
- पंजाबी बाग: 359 (अत्यंत खतरनाक)
- सोनिया विहार: 366 (अत्यंत खतरनाक)
- चांदनी चौक: 362 (अत्यंत खतरनाक)
- विवेक विहार: 354 (अत्यंत खतरनाक)