
17 OCTOBER 2025 / धनतेरस दिवाली की शुरुआत का पहला दिन होता है, यह दिन धन, आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इस दिन भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, इसलिए इसे “धन” और “तेरस” यानी धन का तेरहवां दिन कहा जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद घर की सफाई करना, दरवाजे पर रंगोली और दीप जलाना शुभ माना जाता है, शाम के समय भगवान धनवंतरी, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करनी चाहिए, पूजा के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीप जलाने और घर के हर कोने में दीया रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इस दिन तांबे, पीतल, चांदी या सोने के बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, बर्तन खरीदते समय उसमें कुछ सिक्के या अनाज डालकर घर लाना चाहिए, ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। बहुत से लोग इस दिन सोना या चांदी खरीदते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि महंगी वस्तुएं ही ली जाएं, आप चाहें तो कोई छोटा बर्तन, लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा या नए झाड़ू तक खरीद सकते हैं, क्योंकि झाड़ू को भी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
अब जानते हैं कि धनतेरस पर क्या नहीं करना चाहिए — इस दिन लोहे, एल्युमिनियम या स्टील के बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह ग्रह शनि से जुड़ा धातु है और इसे धन के क्षय का कारण माना जाता है, इसी तरह काले कपड़े पहनना या नकारात्मक बातें करना भी वर्जित है, धनतेरस के दिन किसी से उधार लेना या पैसे उधार देना भी टालना चाहिए, इससे साल भर आर्थिक रुकावटें बनी रहती हैं, रात में झाड़ू लगाना या कूड़ा बाहर फेंकना भी मना है क्योंकि यह लक्ष्मी जी के अपमान के समान माना जाता है।
इसके अलावा इस दिन पुराने या टूटे बर्तन फेंकने के बजाय किसी जरूरतमंद को दान कर देना बेहतर होता है, और सबसे जरूरी बात – पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ दीप जलाएं और सुख-समृद्धि की कामना करें, क्योंकि धनतेरस का असली अर्थ सिर्फ खरीदारी नहीं बल्कि घर में सकारात्मकता, स्वास्थ्य और समृद्धि का स्वागत है।
इसलिए धनतेरस के दिन बस याद रखें — साफ मन, सच्ची भावना और थोड़ी समझदारी से किया गया हर काम, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे सच्चा उपाय है।