
रिश्तेदारों और नजदीकियों के लिए भी यह चांदी से कम नहीं है।
गुरुग्राम नगर निगम में अवैध होर्डिंग का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है
गुरुग्राम, 3 मार्च: गुरुग्राम में हरियाणा सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है, और इसका मुख्य कारण शहर में अवैध होर्डिंग्स का कारोबार है। इस अवैध कारोबार के कारण राज्य सरकार के राजस्व में भारी कमी हो रही है। गुरुग्राम नगर निगम अधिकारियों के लिए सोने की खान बन चुका है, जबकि उनके रिश्तेदारों और नजदीकियों के लिए भी यह चांदी से कम नहीं है।
अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को ठेके और विज्ञापन होर्डिंग्स के ठेके
अधिकांश नगर निगम अधिकारी अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को ठेके और विज्ञापन होर्डिंग्स के ठेके दे रहे हैं। ऐसे कई स्थान हैं जहां बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर होर्डिंग्स पर कोई दर्शक नहीं होता। बावजूद इसके, इन होर्डिंग्स से अवैध रूप से लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं। यह राशि यदि सरकारी खजाने में जमा होती, तो राज्य सरकार की आय में वृद्धि होती, लेकिन गुरुग्राम में ऐसा नहीं हो रहा है।
सोने की खान समझकर यहां कुंडली मारकर बैठ जाते हैं।
नगर निगम के अधिकारी जो गुरुग्राम में आते हैं, वे इसे सोने की खान समझकर यहां कुंडली मारकर बैठ जाते हैं। वे अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को ठेके देकर इस घोटाले में शामिल हो जाते हैं और इस तरीके से दोनों हाथों से शहर को लूटते हैं। इससे अधिकारियों के रिश्तेदारों और ठेकेदारों के लिए एक लाभकारी नेटवर्क तैयार हो जाता है, जिससे वे सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाते हैं।
तो उसका मोह इस शहर से कभी नहीं छूटता
जब कोई अधिकारी एक बार गुरुग्राम नगर निगम में काम करना शुरू करता है, तो उसका मोह इस शहर से कभी नहीं छूटता, क्योंकि यहां की भ्रष्टाचार की प्रणाली उसे लगातार फायदा देती रहती है।
जांच की आवश्यकता
अधिकारी और राजनीतिक नेता जेल की सलाखों के पीछे
अगर हरियाणा के किसी बड़े अधिकारी या एंटी करप्शन ब्यूरो के सदस्य ने इस मामले की गहरी जांच की तो कई अधिकारी और राजनीतिक नेता जेल की सलाखों के पीछे हो सकते हैं। लेकिन अफसोस की बात यह है कि आज तक इस मामले में किसी ठोस कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ा है।
भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कदम नहीं
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और एंटी करप्शन ब्यूरो को बार-बार राज्य में हो रहे घोटालों की जानकारी मिल रही है, लेकिन गुरुग्राम नगर निगम में हो रहे इस भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
अधिकारियों ने लीपा-पोती कर दी।
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे, लेकिन जांच करने वाले अधिकारियों ने लीपा-पोती कर दी। गुरुग्राम नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर कई अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ आरोप हैं, लेकिन वे खुद जांच का हिस्सा नहीं बन रहे हैं क्योंकि वे भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
सरकार की स्थिति
सरकार और अधिकारियों के बीच लचीलापन
यहां सरकार की तरफ से भ्रष्टाचार विरोधी घोषणाएं की जा रही हैं, लेकिन जब बात गुरुग्राम नगर निगम के घोटाले की आती है, तो सरकार और अधिकारियों के बीच लचीलापन दिखता है। इस स्थिति में सवाल यह उठता है कि आखिरकार जांच करेगा कौन? क्योंकि जांच करने वाले वही अधिकारी हैं, जिन्होंने खुद अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को फायदा पहुँचाया है।
चूंकि अधिकारी खुद ही अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुँचाने में शामिल हैं
यदि इस घोटाले की सही और निष्पक्ष जांच की जाती है, तो कई अधिकारी और राजनीतिक नेता सलाखों के पीछे जा सकते हैं। लेकिन चूंकि अधिकारी खुद ही अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुँचाने में शामिल हैं, इसलिए यह मामला अब तक अनदेखा किया जा रहा है। सरकारी खजाने में करोड़ों रुपये जमा हो सकते थे, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण ये पैसें अधिकारियों और उनके रिश्तेदारों के पास जा रहे हैं।