भिवानी, 23 मार्च
नाबालिग बहनों को बहला-फुसलाकर गाड़ी में ले जाने के मामले में आरोपी को श्रीमती सोनीका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट पोस्को भिवानी की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 03 साल कैद( 08 पोस्को एक्ट के तहत 03 साल कैद की सजा ₹ 7,000 जुर्माना,धारा 363 में 02 वर्ष कैद ₹ 5,000 जुर्माना, धारा 366 ए में 03 साल कैद की सजा व ₹ 5,000 जुर्माना ) कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पर कुल ₹ 17,000/- का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि नहीं भरने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
इस मामले में थाना बहल पुलिस ने वर्ष 2020 में अभियोग पंजीबद्ध किया था। मामले की सुनवाई माननीय न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले को बहुत ही संगीन माना और दोषी की सजा में कोई नरमी नहीं बरती। मामले के अनुसार वर्ष 2020 में थाना बहल पुलिस को एक शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें नाबालिक लड़कियों के पिता ने पुलिस को बताया कि उनकी दोनों लड़कियां खेत से वापस घर आ रही थी। जो रास्ते में एक पिकअप गाड़ी चालक ने उन्हें बहला-फुसलाकर घर पर छोड़ने की बात कही थी। इसके बाद पिकअप गाड़ी चालक दोनों नाबालिग लड़कियों को घर छोड़ने की जगह अन्य किसी स्थान पर गाड़ी खराब होने पर छोड़कर चला गया था।
थाना बहल पुलिस के द्वारा बिना किसी विलंब के अभियोग अंकित किया गया। इसके बाद नाबालिग के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए तथा जांच इकाई के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आकलन कर अभियोग में प्रभावी कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था। जो न्यायालय ने अभियोग में सुनवाई करते हुए आरोपी आनंद पुत्र धर्मबीर निवासी बिलावल, जिला चरखी दादरी को 03 साल कैद की सजा सुनाई व कुल ₹ 17,000/- का जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न भरने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी।
पुलिस अधीक्षक महोदय अजीत सिंह भा०पु०से० ने जिला भिवानी के सभी प्रबंधक थाना, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पोस्को एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें। पुलिस के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्यवाही करते हुए न्यायालय में आरोपियों को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें।