
राजनीतिक पंडितों के अनुसार बिहार चुनाव को लेकर अब भाजपा की चार बैठक हो चुकी है और अपने एनडीए के सभी घटक दलों के साथ लगातार दो दिनों से बैठक हो रही है
किसी दल या नेता का दबाव स्वीकार नहीं होगा
पटना बिहार 12 सितम्बर। उपराष्ट्रपति चुनाव में एक जुटता दिखाने के बाद अब भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए बिहार के चुनावी तैयारी में पूरी तरह से जुड़ गया है सीट बंटवारा को अंतिम रूप अभी तक नहीं दिया गया है लेकिन अब बताया जा रहा है उपराष्ट्रपति चुनाव हो चुके हैं और इसके बाद ही अब बिहार चुनाव पर फोकस किया जा रहा है बीजेपी की ओर से एनडीए के सभी दलों की भूमिका को लेकर चर्चा की जा चुकी है लेकिन अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है इसी बीच भाजपा नेतृत्व में सभी सहयोगी दलों के लिए एक फार्मूला तय कर दिया है और आश्वासन दिया गया है कि उनको उनकी ताकत के अनुसार सिटे मिलेगी।
कोई बड़ा भाई या छोटा भाई नहीं होगा सभी सहयोगी होंगे
राजनीतिक पंडितों के अनुसार बिहार चुनाव को लेकर अब भाजपा की चार बैठक हो चुकी है और अपने एनडीए के सभी घटक दलों के साथ लगातार दो दिनों से बैठक हो रही है किसी भी समय सिटे को लेकर भी बड़ा फैसला हो सकता है बिहार में एनडीए में पिछले विधानसभा चुनाव बीते साल हुए लोकसभा चुनाव व मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार सीटों का भी बंटवारा होने की जानकारी मिल रही है अगर सूत्रों की बात करें भाजपा और जदयू के बाद सबसे ज्यादा सिटे अगर कोई मांग रहा है तो वह रामविलास पासवान लोजपा मांग रही है सूत्र यह भी बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रुझान भी अधिकतर लोजपा की तरफ है जिसके मुखिया केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान है और वह लगातार एनडीए से सीटों की मांग कर रहे हैं लेकिन देखना यह कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से अधिक सिटे क्या चिराग पासवान को मिलेंगे या जदयू को।
क्षेत्रीय समीकरण के साथ विपक्षीय रणनीति को भी ध्यान में रखा जा रहा है।
वैसे तो भारतीय जनता पार्टी की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है की सीट बटवारा जीत के आधार पर होगा और किसी दल या नेता का दबाव स्वीकार नहीं होगा इसके अलावा गठबंधन में कोई बड़ा भाई या छोटा भाई नहीं होगा सभी सहयोगी होंगे जिसकी जितनी क्षमता व ताकत उसके अनुसार ही सीट भाटी जाएंगे इसमें सामाजिक राजनीतिक है क्षेत्रीय समीकरण के साथ विपक्षीय रणनीति को भी ध्यान में रखा जा रहा है।