आज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति (9 नवम्बर 2024)
विक्रम संवत 2081
संवत्सर नाम: कालयुक्त
संवत्सर राजा: मंगल
संवत्सर मंत्री: शनि
ऋतु: हेमंत
सूर्य दक्षिणायन
सूर्य उदय: प्रातः 6:43
सूर्य अस्त: सायं 5:27
तिथि: शुक्ल पक्ष की अष्टमी
मास: कार्तिक
दिन: शनिवार
अंग्रेजी दिनांक: 9 नवंबर 2024
ग्रहों की स्थिति:
- सूर्य: तुला राशि में चित्रा और विशाखा नक्षत्र के चरण 1 में हैं (नक्षत्र स्वामी गुरु)।
- सायं 4:27 बजे सूर्य चरण 2 में प्रवेश करेंगे।
- चंद्रमा: मकर राशि में रात 11:28 तक रहेगा, फिर कुम्भ राशि में प्रवेश करेगा।
- प्रातः 5:59 से श्रवण नक्षत्र के चरण 4 में,
- दोपहर 12:03 से धनिष्ठा नक्षत्र के चरण 1 में,
- शाम 5:59 से धनिष्ठा नक्षत्र के चरण 2 में,
- रात 11:56 से धनिष्ठा नक्षत्र के चरण 3 में।
- मंगल: कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र के चरण 2 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी शनि)।
- बुद्ध (बुध): वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के चरण 4 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी शनि)।
- गुरु (वक्री): वृष राशि में मृगशिरा नक्षत्र के चरण 1 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी मंगल)।
- शुक्र: धनु राशि में मूल नक्षत्र के चरण 1 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी केतु)।
- रात 10:24 बजे शुक्र चरण 2 में प्रवेश करेंगे।
- शनि (वक्री): कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र के चरण 4 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी राहु)।
- राहु: मीन राशि में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के चरण 3 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी शनि)।
- केतु: कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के चरण 1 में स्थित हैं (नक्षत्र स्वामी चंद्र)।
आज का विशेष योग:
- वृद्धि योग – यह योग वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है, इस दिन का उपयोग अपने जीवन में सुधार और उन्नति के लिए किया जा सकता है।
- पंचक प्रारंभ: रात्रि 11:28 बजे से पंचक प्रारंभ हो रहा है। पंचक के दौरान कोई भी नया कार्य शुरू करने से बचना चाहिए।
- गोप अष्टमी – गोप अष्टमी का महत्व विशेष रूप से कृष्ण भक्तों के लिए है, जब गोवर्धन पूजा और गायों की पूजा की जाती है।
दिशा शूल:
- पूर्व दिशा की ओर यात्रा से बचें
- यदि यात्रा करना आवश्यक हो, तो अदरक या उड़द का सेवन करें।
राहु काल:
- प्रात: 9:22 से 10:43 बजे तक – इस समय के दौरान कोई भी शुभ कार्य, नया प्रारंभ या महत्वपूर्ण निर्णय न लें। यह समय शुभ नहीं होता है और परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
आज के ग्रहों के विशेष प्रभाव:
- सूर्य और गुरु के साथ बुध का प्रभाव
- सूर्य और गुरु का साथ आपके जीवन में शिक्षा, ज्ञान और समाजिक संबंधों में वृद्धि का संकेत देता है।
- बुध वक्री है, इसलिए यह समय पुराने मामलों को सुलझाने और आत्ममूल्यांकन के लिए उपयुक्त हो सकता है।
- मंगल और शनि के साथ शुक्र का संबंध
- शुक्र का धनु राशि में होना, सामाजिक कार्यों, कला, और धार्मिक क्रियाओं के लिए अच्छा समय है।
- मंगल और शनि की स्थिति व्यापार और धन के मामलों में अच्छे परिणाम देने का संकेत देती है।
दैनिक लग्न सारणी:
- प्रातः 7:16 तक – तुला
- 9:34 तक – वृश्चिक
- 11:38 तक – धनु
- दोपहर 1:21 तक – मकर
- 2:49 तक – कुम्भ
- सायं 4:13 तक – मीन
- 5:49 तक – मेष
- 7:44 तक – वृष
- रात्रि 9:58 तक – मिथुन
- 12:19 तक – कर्क
- 2:37 तक – सिंह
- 4:53 तक – कन्या
शुभ दिशा:
- पश्चिम, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम – इन दिशाओं की ओर यात्रा या कार्य करने से लाभ होगा।
सारांश:
आज का दिन विशेष रूप से वृद्धि और समृद्धि के लिए उपयुक्त है, लेकिन पंचक के दौरान ध्यान रखना होगा कि कोई भी नया कार्य प्रारंभ करने से बचें। राहु काल के दौरान कोई भी महत्वपूर्ण कार्य न करें और दिशाओं का ध्यान रखें। चंद्रमा के नक्षत्र बदलाव से मानसिक शांति और स्थिरता की आवश्यकता रहेगी, खासकर धनिष्ठा और श्रवण नक्षत्र में।