रिश्वत खाने में एएसआई भी गिरफ्तार
गिरफ्तार आरोपियों में फर्जी जीपीए बनाने में मददगार कालकाजी तहसील (दिल्ली) का कर्मचारी भी शामिल
गुरुग्राम, 28 सितंबर । पुलिस ने जालसाजी कर एक प्रवासी भारतीय को करोड़ों रुपए की चपत लगाने वाले पांच में से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस बारे में पूर्ण मनचन्दा नामक व्यक्ति ने पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम के कार्यालय में एक लिखित शिकायत देकर बताया कि कुछ व्यक्तियों द्वारा एसपीआर रोड पर गाँव बेगमपुर खटोला, गुरुग्राम में इसकी जमीन के जाली/फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकृत कराकर हड़पने के सम्बन्ध में दी गई। गुरुग्राम पुलिस द्वारा शिकायत की जांच के उपरान्त गत 16 मार्च को जाली/फर्जी कागजातों के आधार पर जमीन पंजीकरण कराकर हड़पने वाले आरोपियों के विरुद्ध थाना बादशाहपुर, गुरुग्राम में धारा 120-बी, 420, 467, 468, 471 भा.द.स. के तहत अभियोग अंकित किया गया।
जीपीए के रिकार्ड की असल बही व जीपीए के रिकार्ड रजिस्टर में रिकार्ड की जांच की गई तो
4 आरोपियों को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया
इसकी जांच के लिए पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने एक स्पेशल एसआईटी गठित की व एसआईटी को अभियोग से सम्बन्धित दस्तावेजों व आरोपियों व उनके साथी आरोपियों के बारे में विभिन्न जानकारी एकत्रित करने इत्यादि के दिशा-निर्देश/आदेश दिए गए। इस पर कार्यवाही करते हुए जीपीए के रिकार्ड की असल बही व जीपीए के रिकार्ड रजिस्टर में रिकार्ड की जांच की गई तो जीपीएके रिकॉर्ड रजिस्टर का वह पेज फटा मिला जिसमें उक्त जमीन की जीपीए का इन्द्राज किया गया था, गुरुग्राम पुलिस द्वारा आगामी कार्यवाही करते विभिन्न रिकॉर्ड, दस्तावेज, साक्ष्य व जानकारी एकत्रित की गई जिनके परिमास्वरुप अभियोग में संलिप्त मिले आरोपियों में से 4 आरोपियों को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान सुभाष चन्द निवासी गाँव टोडापुर हेलीमण्डी (गुरुग्राम) वर्तमान पता साऊथ सिटी-2 (गुरुग्राम), टोनी यादव निवासी गाँव टोडापुर हेलीमण्डी
संजय गोस्वामी (रिकॉर्ड कीपर तहसील कालकाजी, दिल्ली) व भीम सिंह राठी निवासी सूर्य विहार, गुरुग्राम के रुप में हुई
(गुरुग्राम), संजय गोस्वामी (रिकॉर्ड कीपर तहसील कालकाजी, दिल्ली) व भीम सिंह राठी निवासी सूर्य विहार, गुरुग्राम के रुप में हुई। पुलिस टीम द्वारा आरोपी सुभाष चन्द व टोनी यादव को गुरुग्राम से, संजय गोस्वामी को दिल्ली से तथा भीम सिंह राठी को गुरुग्राम से काबू करके अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपी सुभाष चन्द यह जानता था कि उपरोक्त अभियोग में शिकायतकर्ता एक प्रवासी भारतीय है और अधितर वह बाहर (विदेश) में रहता है तो इसने अपने साथियों के साथ मिलकर प्रवासी भारतीय (अभियोग में शिकायतकर्ता) की जमीन को हङपने के इरादे से जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराने व उन कागजात के आधार पर फर्जी तरीके से जमीन पंजीकृत कराने की योजना बनाई। आरोपी सुभाष ने अपने अपने भतीजे टोनी (जो वकील है) को कहा कि यदि इस जमीन के कागजात अपने नाम हो जाएं तो अच्छा मुनाफा हो सकता है। योजनानुसार सबसे पहले सुभाष चन्द द्वारा जमीन का सजरा, मुटेशन व सेलडीड इत्यादि दस्तावेज हासिल की गई।
आरोपी सुभाष चन्द के भतीजे टोनी की कालकाजी तहसील में अच्छी जानकारी थी
आरोपी सुभाष चन्द के भतीजे टोनी की कालकाजी तहसील में अच्छी जानकारी थी। टोनी ने कालकाजी तहसील के रिकॉर्ड रुम में अस्थाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत उपरोक्त आरोपी संजय से मिला, जिसको इसने (टोनी) सारी बाते बताई तो संजय ने इसको कहा कि वह इनको वर्ष-1996 की असल बही दे देगा उस बही में से किसी भी एक जीपीए का कागज निकालकर उसकी जगह एक फर्जी जीपीए लगा दे, ताकि इनका उस जमीन पर अधिकार बन सके। माह अक्तूबर-2021 में संजय ने टोनी को वर्ष-1996 की असल बही दे दी। उसके बाद कम्पूटर/स्केनर व सोफ्टवेयर के माध्यम से इन्होनें सुभाष चन्द के नाम से एक फर्जी जीपीए तैयार की और उस फर्जी जीपीए की कॉपी वर्ष-1996 की असल बही लगा दी।
असल बही को कॉपी करके उस पर बही का पुराना कवर लगा दिया था
इन्होनें पूरी असल बही को कॉपी करके उस पर बही का पुराना कवर लगा दिया था, ताकि इनके द्वारा बनाया गया फर्जी GPA वाला कागज अलग से पहचान में ना आ सके, उसके बाद वह असल बही उपरोक्त आरोपी संजय को दे दी और संजय ने वह बही रिकार्ड में रख दी। रिकॉर्डरुम से असल वही निकालने व वापस जमा करने के लिए आरोपी संजय उपरोक्त ने 05 लाख रुपए लिए थे। फर्जी जीपीए पर आरोपी सुभाष चन्द की फोटो एल्बम से एक फोटो लेकर लगाया गया था। पुलिस टीम द्वारा आरोपी सुभाष के घर में रखी एल्बम से वह फोटो भी बरामद किया जा चुका है। उसके बाद आरोपियों द्वारा जीपीए इनके नाम होने की पुष्टि करने के लिए जीपीए की सर्टिफाईड कॉपी भी प्राप्त की गई थी।
फर्जी जीपीए में मेजर पी.के. मेहता नामक व्यक्ति को गवाह बनाया गया
आरोपियों द्वारा बनाए गए फर्जी जीपीए में मेजर पी.के. मेहता नामक व्यक्ति को गवाह बनाया गया था, जिसकी वर्ष-2001 में ही एक हेलीकॉपटर क्रेस में मौत हो चुकी थी तथा इसमें दूसरा गवाह संदीप नामक एडवोकेट को बनाया था, जिसके हस्ताक्षर आरोपी टोनी द्वारा किए गए थे।
15 कनाल 02 मरला जमीन को भीम सिंह राठी, शैल नारंग व औम भाटी द्वारा बताए गए विनोद नामक व्यक्तियों के नाम
उसके बाद आरोपियों ने फर्जी जीपीए को आधार बनाकर उपरोक्त अभियोग में शिकायतकर्ता की 15 कनाल 02 मरला जमीन को भीम सिंह राठी, शैल नारंग व औम भाटी द्वारा बताए गए विनोद नामक व्यक्तियों के नाम करा दी। आरोपियों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से वारदात करते हुए करीब 40 करोङ कीमत की जमीन को 6.6 करोङ रुपयों में खरीदना बताकर एक NRI व्यक्ति की जमीन को अपने नाम कर लिया था।
श्री मनचंदा द्वारा दी गई शिकायत पर दर्ज अभियोग की जांच/तफ्तीश के दौरान जालजासों को फायदा पहुंचाने के लिए आर्थिक अपराध शाखा में तैनात ए एस आई प्रदीप द्वारा भी आरोपियों से रुपए लेना पाया जाने पर आरोपी प्रदीप के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की सम्बन्धित धाराओं के तहत अभियोग अंकित करके आरोपी आज काबू करके अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी उपरोक्त आरोपियों से की गई पुलिस पूछताछ तथा पुलिस टीम द्वारा एकत्रित की गई जानकारी के आधार पर नियामानुसार आगामी कार्यवाही की जा रही है। उपरोक्त अभियोग की धोखाधङी में संलिप्त पाए जाने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ कङी कार्यवाही की जाएगी।