इस बीच, हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर से कांग्रेस ने युवा नेता वर्धन यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। वर्धन यादव न केवल कांग्रेस के एक उभरते हुए चेहरे हैं, बल्कि उनकी संपत्ति और व्यक्तिगत विवाद भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। लगभग 25 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति के मालिक वर्धन यादव का नाम हरियाणा की राजनीति में तेजी से उभर रहा है।
वर्धन यादव का व्यक्तिगत और शैक्षिक इतिहास
वर्धन यादव मूल रूप से बादशाहपुर गाँव के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी 12वीं की शिक्षा 2009 में दिल्ली पब्लिक स्कूल, भोंडसी से पूरी की। इसके बाद, 2011 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ से उनका नाम एक विवाद से जुड़ गया। उनके हलफनामे के अनुसार, उस समय कुछ विद्यार्थियों ने कॉलेज में धोखाधड़ी करके एडमिशन लिया था, और वर्धन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने इस जालसाजी में सहयोग किया था। इस मामले में उनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दो क्रिमिनल केस भी दर्ज हैं।
चुनावी हलफनामा और संपत्ति का विवरण
वर्धन यादव ने चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में अपनी और अपनी पत्नी की संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा दिया है। वर्ष 2023-24 में वर्धन यादव ने 99,26,530 रुपये की आय दिखाई है, जबकि उनकी पत्नी ने 5,88,030 रुपये कमाए हैं। उनके पास नकद 3,25,000 रुपये और पत्नी के पास 5,82,000 रुपये हैं।
यादव दंपति के पास तीन बैंक अकाउंट (आईसीआईसीआई, डीसीबी, और एक जॉइंट अकाउंट) हैं, जिनमें कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक की एफडी जमा है। इसके साथ ही वर्धन यादव के पास 2022 मॉडल की फॉर्च्यूनर गाड़ी है, जिसकी बाजार कीमत 48 लाख रुपये है, और उनकी पत्नी के पास 38 लाख रुपये की बीएमडब्ल्यू गाड़ी है।
हलफनामे के अनुसार, वर्धन यादव के पास ज्वेलरी के नाम पर 7 लाख रुपये के आभूषण हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 35 लाख रुपये की ज्वेलरी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी पत्नी को आभूषणों का खासा शौक है। इसके अतिरिक्त, वर्धन यादव के पास 87.85 लाख रुपये और उनकी पत्नी के पास 92.92 लाख रुपये की एफडी, गाड़ियां, बैंक बैलेंस और ज्वेलरी शामिल हैं।
जमीन और देनदारियां
वर्धन यादव के पास तावडू, सिधरावली, पटौदी और रेवाड़ी में करीब 13 एकड़ जमीन है, जो उनकी अचल संपत्तियों का हिस्सा है। इसके अलावा, उनके पास शहरी क्षेत्र में कई कमर्शियल संपत्तियाँ भी हैं। हलफनामे में यह भी बताया गया है कि वर्धन यादव पर कोटक महिंद्रा बैंक से लिया गया 70 लाख रुपये का कर्ज है, और एमसीजी (नगर निगम) का 51,392 रुपये टैक्स भी बकाया है।
निष्कर्ष
वर्धन यादव की संपत्ति और उनके खिलाफ दर्ज क्रिमिनल केस चुनावी चर्चा का प्रमुख विषय बने हुए हैं। कांग्रेस द्वारा उन्हें बादशाहपुर सीट से टिकट देने का निर्णय इस युवा नेता की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को और मजबूत कर सकता है। वर्धन यादव की चुनावी यात्रा और संपत्ति का खुलासा यह दर्शाता है कि हरियाणा की राजनीति में धन और शक्ति दोनों का महत्वपूर्ण स्थान है। अब यह देखना होगा कि मतदाता इस धनाढ्य और विवादित नेता को किस रूप में देखते हैं और उनका भविष्य क्या मोड़ लेता है।