
25 September 2025/ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब करीब है और सभी दलों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। इस बार की सबसे बड़ी चर्चा प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को लेकर है, जिसने मैदान में उतरकर कई सीटों पर मुकाबले को रोचक बना दिया है।पूर्णिया की 24 सीटों पर मुस्लिम आबादी लगभग 46% और अनुसूचित जाति करीब 14% है। ताज़ा सर्वे के अनुसार, यहां एनडीए की स्थिति 2020 जैसी ही बनी हुई है। पिछली बार एनडीए को 12 सीटें और लगभग 36% वोट मिले थे, वही रुझान इस बार भी दिख रहा है। महागठबंधन भी अपनी पुरानी स्थिति को लगभग कायम रखे हुए है। यहां जन सुराज का प्रभाव सीमित माना जा रहा है।भोजपुर की 22 सीटों पर इस बार बदलाव की संभावना सबसे ज्यादा जताई जा रही है। मुस्लिम आबादी यहां लगभग 9% और अनुसूचित जाति 22% है। 2020 में एनडीए को सिर्फ 2 सीटें मिली थीं जबकि महागठबंधन ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार जन सुराज मजबूत दावेदार बनकर उभर रही है और कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
सारण की 24 सीटों पर मुस्लिम और अनुसूचित जाति, दोनों की आबादी करीब 15-15% है। 2020 में एनडीए को यहां 9 सीटें और महागठबंधन को 15 सीटें मिली थीं। इस बार भी दोनों गुट बराबरी की लड़ाई में नज़र आ रहे हैं, लेकिन जन सुराज का दबदबा कई सीटों पर दिखाई देने लगा है।राजधानी पटना की 21 सीटों पर मुस्लिम आबादी करीब 7% और अनुसूचित जाति लगभग 22% है। पिछली बार एनडीए ने यहां 11 सीटें जीती थीं और महागठबंधन को 10 सीटों पर सफलता मिली थी। इस बार भी तस्वीर लगभग वैसी ही लग रही है, लेकिन जन सुराज यहां बड़ा उलटफेर कर सकती है।सर्वे रिपोर्ट्स बता रही हैं कि 2025 में भी स्थिति काफी हद तक 2020 जैसी ही है। एनडीए लगभग 47 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन 19 सीटों पर आगे बताया जा रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि जन सुराज कई इलाकों में नए समीकरण गढ़ रही है और भविष्य में चुनावी गणित बदलने का दम दिखा रही है।