
पटना 18 सितम्बर 2025 / बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों की गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज बिहार दौरे पर हैं। उनका कार्यक्रम डेहरी ऑन सोन और बेगूसराय में है। इस बीच पटना में शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करीब 20 मिनट तक बंद कमरे में मुलाकात हुई, जहां चुनावी रणनीति और सीट शेयरिंग पर विस्तृत चर्चा हुई।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार एनडीए गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय माना जा रहा है। बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में से —जेडीयू (JDU)): 102–103 सीटें,बीजेपी (BJP): 101–102 सीटें,एलजेपी (रामविलास): 25–28 सीटें,हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम): 6–7 सीटें,राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM): 4–5 सीटें सूत्र बताते हैं कि यह फॉर्मूला 2024 लोकसभा चुनाव के पैटर्न पर आधारित है, जब बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 17, जेडीयू 16, एलजेपी रामविलास 5, हम और आरएलएम को 1–1 सीट मिली थी।
2020 में सीट बंटवारे का गणित
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का बंटवारा अलग था।जेडीयू के खाते में 122 सीटें आईं थीं, जिनमें से 7 सीटें उसने हम (Hindustani Awam Morcha) को दी थीं। यानी जेडीयू खुद 115 सीटों पर लड़ी।बीजेपी के हिस्से में 121 सीटें आईं थीं, जिनमें से 11 सीटें उसने वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) को दी थीं। यानी बीजेपी ने 110 सीटों पर प्रत्याशी उतारे।नतीजों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 74 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू सिर्फ 43 सीटों पर सिमट गई। हम और वीआईपी ने अपने-अपने हिस्से में मिली सीटों पर कुछ जीत हासिल की थीं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार बीजेपी और जेडीयू बराबरी के लगभग बराबर सीटों पर लड़ेंगे। जेडीयू को कम सीटें मिलने का कारण 2020 में उसके खराब प्रदर्शन को माना जा रहा है। वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को इस बार 6–7 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है, जो उनके लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है।एनडीए का यह नया सीट बंटवारा आगामी चुनाव में समीकरण बदल सकता है और गठबंधन के भीतर सत्ता संतुलन पर भी असर डाल सकता है।