भोपाल / आप ने ये जरूर सुना या देखा होगा बेटे के कन्धे पर पिता की अर्थी को ले जाते हुए । पर क्या आप ने काभी बेटियों के कन्धे पर पिता की अर्थी ले जाते हुए देखा है नहीं न जब ये बात सुनने मे ही हमारे आखों मे आसू ला दे रही है तो जिन बेटियों के ऊपर ये बीत रही होगी उनका क्या हाल होता होगा । जैसा की आप सभी जानते है पिता और एक बेटी का रिश्ता अलग ही होता है क्यू की बेटी और पिता के बीच जितना प्यार होता है और किसी मे नहीं होता है । आप को बता दे की बीते रविवार को ऐसा ही कुछ देखने को मिला मध्य प्रदेश कि राजधानी भोपल के शाहपुरा कालोनी मे मौजूद एक परिवार से जहा पर पिता का निधन हो जाने पर बेटे की जगह बेटियाँ कन्धा दे रही थी । यह देख वहा के लोगों के आखों मे आशु आ गया । आप को बता दे की उन बेटियों का कोई भी भाई नहीं था इसलिए उन लोगों ने एसा किया ।
आप को बता दे की लड़कियों के पिता का नाम सुरजीत सिंह था और उनकी उम 87 साल थी । और वो पीडब्ल्यूडी मे रिटायर्ड सेक्रेटरी थे । और उनका निधन शनिवार की देर रात बीमारी के कारण हुए है । और उनका कोई भी बेटा नहीं था तो उनका अंतिम संस्कार उनकी दोनों बेटियों ने किया । और सुरजीत सिंह के बारे मे बता दे तो वे 58 साल के ऊमर मे कानून की प्राप्त कर ली थी और उसके बाद । 70 साल की ऊमर मे सिविल इंजीनियरिंग की एमटेक की डिग्री पूरी की फिर उसके बाद नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पैनल आर्बिट्रेटर भी रह चुके है । सुरजीत सिंह लंबे समए से बीमार चल रहे थे इस वजह से उनका निधन हो गया । और उनका अंतिम संस्कार भदभदा के विश्राम घाट पर किया गया ।
आप को बता दे की बेटा और बेटी कोई भी अलग नहीं होता है दोनों को समान दर्ज देना चाहिए । और वही सुनीता कौर ने बताया की हमारा कोए भी भाई नहीं है हम बस दो बहने ही है । जिसका नाम नवनीत कौर है । जब पापा का निधन हुआ तो हमने ही उनका अंतिम संस्कार किया । हमारे समाज मे ऐसा पहली बार हुआ है । यह कहना ठीक तो नहीं है । क्योंकि हमारे समाज मे लड़का और लड़की दोनों को समान दर्ज दिया जाता है । तो जो हमने किया उसमे कोई भी बुराई नहीं है । आप को बता दे की दोनों की बेटियाँ अपने काम मे सही जगह पर है वही सुनीत कौर मैनिट के सिविल डिपार्टमेंट में फैकल्टी हैं। तो नवनीत कौर दूरदर्शन में डिप्टी डायरेक्टर जनरल हैं जो की ये लोग अपने पिता को अपने काम के वजह से हमेशा खुश रखा ।