
रादौर विधानसभा सीट से टिकट न मिलने के कारण भाजपा से नाराज चल रहे पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज ने हाल ही में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की। यह मुलाकात हुड्डा की चंडीगढ़ स्थित कोठी पर हुई, जिसके बाद से हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है। कंबोज, जो लंबे समय से भाजपा के प्रमुख नेता रहे हैं, रादौर सीट पर टिकट कटने के बाद से पार्टी से असंतुष्ट हैं। इस मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि कंबोज भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।
कर्णदेव कंबोज का भाजपा से नाराज होना, रादौर की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है। कंबोज का क्षेत्र में मजबूत जनाधार है, और उनका पार्टी से हटना भाजपा के लिए झटका हो सकता है। हालांकि, अभी तक कंबोज की ओर से कांग्रेस ज्वाइन करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन हुड्डा से हुई इस मुलाकात को उनके अगले कदम की ओर इशारा माना जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक, कंबोज की भाजपा से नाराजगी काफी समय से चल रही थी, लेकिन रादौर सीट से टिकट न मिलने के बाद यह असंतोष खुलकर सामने आ गया। भाजपा ने रादौर से दूसरे उम्मीदवार को टिकट दिए जाने का फैसला किया, जिससे कंबोज समर्थकों में भी नाराजगी देखी गई।
हुड्डा से उनकी इस मुलाकात को कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक अवसर माना जा रहा है, खासकर हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले। यदि कंबोज कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो यह कांग्रेस के लिए रादौर क्षेत्र में बड़ी राजनीतिक बढ़त हो सकती है, क्योंकि कंबोज वहां एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित हैं।राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कंबोज की भाजपा से नाराजगी और हुड्डा से मुलाकात इस बात का संकेत है कि वह जल्द ही किसी बड़े निर्णय की घोषणा कर सकते हैं। अब यह देखना होगा कि क्या कंबोज कांग्रेस का दामन थामते हैं और हरियाणा की राजनीति में नया समीकरण पैदा होता है या नहीं।
मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में कंबोज ने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन उनके हावभाव से लग रहा था कि वह अपने अगले कदम के बारे में गंभीरता से विचार कर रहे हैं।