चंडीगढ़, 30 सितंबर। रोहतक से पूर्व लोकसभा उम्मीदवार एवं इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप देशवाल कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के एक बयान पर करते हुए कहा है कि पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि उन्होंने कितने लोगों को ठगा है। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने किसानों की बेशकीमती जमीन को कौड़ियों के भाव रिलायंस जैसी कई प्राइवेट कंपनियों और बिल्डरों को बेचकर किसानों के साथ सबसे बड़ी ठगी की थी। देशवाल ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने तो विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थाओं को भी नहीं छोड़ा, एमडीयू रोहतक की बेशकीमती जमीन को ओमेक्स सिटी को रास्ता देने के लिए मुफ्त में लूटा थी और इसके बदले हुड्डा ने ओमेक्स सिटी से मोटा कमीशन लिया होगा।
हुड्डा ने साजिशें रच कर अपनी ही पार्टी के दर्जनों नेताओं की राजनीतिक हत्या करने का काम किया
प्रदीप देशवाल ने कहा कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व उनके बेटे दीपेन्द्र हुड्डा ने साजिशें रच कर अपनी ही पार्टी के दर्जनों नेताओं की राजनीतिक हत्या करने का काम किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को कंधों पर बैठा कर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया था उन्हीं लोगों को पीठ में खंजर मारने का काम हुड्डा पिता-पुत्र ने किया। देशवाल ने कहा कि हरियाणा की राजनीति में यह बात सार्वजनिक चर्चा का विषय है की हुड्डा पिता पुत्र गले लगा कर पीठ में खंजर मारने में माहिर है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए स्वर्गीय श्री कृष्ण हुड्डा ने अपनी सीट से इस्तीफा देकर सीट खाली की और भूपेंद्र हुड्डा को अपनी सीट से विधायक बनाया लेकिन हुड्डा ने अपनी लोकसभा की खाली हुई सीट पर श्रीकृष्ण हुड्डा को चुनाव लड़ाने की बजाय विदेश में बैठे अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को पैराशूट से लाकर लोकसभा चुनाव लड़ा दिया। प्रदीप देशवाल ने कहा कि इतना ही श्रीकृष्ण हुड्डा के देहांत के बाद उनकी ही खाली सीट से उनके परिवार के सदस्य को चुनाव लड़ाने की बजाय उनकी टिकट कटवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि जिस इंसान ने भूपेन्द्र हुड्डा के लिए इतना बड़ा त्याग किया उसी के परिवार को भूपेंद्र हुड्डा ने राजनीति में हाशिये पर पहुंचा दिया।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भूपेंद्र हुड्डा की विश्वासघात की राजनीति का शिकार हुए
प्रदीप देशवाल ने कहा कि बादली से पूर्व विधायक नरेश शर्मा, पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कृष्णमूर्ति हुड्डा, पूर्व मंत्री सुभाष बतरा, स्वर्गीय चतर सिंह राठी, प्रो कुलताज इत्यादि जैसे पता नहीं कितने ऐसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रहे जो भूपेंद्र हुड्डा की विश्वासघात की राजनीति का शिकार हुए। देशवाल ने आगे कहा कि दीपेन्द्र हुड्डा की बजाय जब एक दलित का बेटा अशोक तंवर कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष बना तो भूपेन्द्र हुड्डा ने उसपर जानलेवा हमला कराया। उन्होंने कहा कि भूपेन्द्र हुड्डा व उसके बेटे दीपेन्द्र हुड्डा की साजिशों से तंग आकर अशोक तंवर को कांग्रेस पार्टी ही छोड़नी पड़ी। देशवाल ने कहा कि ऐसे पता नहीं कितने उदाहरण है जिनमें यह स्पष्ट होता है कि पुत्र मोह में भूपेंद्र हुड्डा ने खुद के ही सहयोगी व कांग्रेस पार्टी के नेताओं को हाशिए पर पहुंचा दिया।प्रदीप देशवाल ने कहा कि सबसे बड़े ठग का कोई अवार्ड अगर दिया जाए तो भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व उनके बेटे दीपेन्द्र हुड्डा उसके असली हकदार होंगे क्योंकि राजनीतिक रूप से उनसे बड़ा ठग व गले लगा कर पीठ में चाकू मारने वाला नेता कोई अन्य नहीं है।