नई दिल्ली, 11 नवंबर 2024 – कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा हाल ही में दिए गए एक बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। खरगे ने एक संविधान बचाओ सम्मेलन के दौरान योगी आदित्यनाथ और अन्य संतों पर अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें आड़े हाथों लिया।
आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान
योगी आदित्यनाथ पर इस प्रकार की घटिया टिप्पणियां करना मल्लिकार्जुन खरगे को शोभा नहीं देता।”
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खरगे के बयान की निंदा करते हुए कहा, “वह एक वरिष्ठ नेता हैं, संतों का, सनातन का और भगवा का अपमान करना उन्हें शोभा नहीं देता। यह ऋषि प्रधान देश है, और संतों का अपमान करने वाली बातें किसी भी हिंदू के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकतीं। योगी आदित्यनाथ पर इस प्रकार की घटिया टिप्पणियां करना मल्लिकार्जुन खरगे को शोभा नहीं देता।”
उन्होंने आगे कहा कि, “कोई भी हिंदू संतों और महात्माओं का अपमान नहीं कर सकता। जिस प्रकार से वह बयान दे रहे हैं, ऐसा लगता है कि वह सनातन से चिढ़े हुए हैं।” आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खरगे पर यह भी आरोप लगाया कि उनका बयान सनातन धर्म और संतों के खिलाफ था, जो भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं।
हिंदू होने पर सवाल उठाया
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा, “मल्लिकार्जुन नाम से वह हिंदू प्रतीत होते हैं, लेकिन उनके कृत्य और बयान ऐसे नहीं लगते। उन्हें पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह हिंदू हैं या नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति सनातन धर्म का विरोध करता है, उसे भारत में राजनीति करने का हक नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष के बयान की आलोचना
गौरतलब है कि मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान बचाओ सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की थी कि कई नेता साधुओं के वेश में रहते हैं, गेरुआ कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं होते। यह टिप्पणी उन्होंने खासतौर पर योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में की थी, जो गेरुआ वस्त्र पहनते हैं और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
खरगे ने यह भी कहा था, “वह राजनेता के साथ मुख्यमंत्री भी बन गए हैं, लेकिन उनकी असल पहचान क्या है, यह हमें समझने की जरूरत है।” इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें कड़ी चुनौती दी, यह कहते हुए कि सनातन के विरोधी लोगों को भारत में राजनीति करने का कोई अधिकार नहीं हो सकता।
सनातन धर्म और संतों का अपमान करने वाले व्यक्तियों को भारत में राजनीति करने का अधिकार नहीं
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर तीखी आलोचना की है और उनसे यह सवाल पूछा है कि क्या वह सच में हिंदू हैं। आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म और संतों का अपमान करने वाले व्यक्तियों को भारत में राजनीति करने का अधिकार नहीं होना चाहिए, क्योंकि उनका यह कदम भारत की संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है।