
गुरुग्राम, 7 अक्टूबर।
महर्षि वाल्मीकि भारत के आदि कवि और महान ऋषि थे, जिन्होंने न केवल संस्कृत भाषा को समृद्ध किया बल्कि शिक्षा, सत्य और परिश्रम का अमर संदेश भी दिया। हजारों वर्ष पूर्व रचित उनकी रामायण आज भी मानवता को धर्म, करुणा और आदर्श जीवन की प्रेरणा देती है। उन्होंने समाज को यह सिखाया कि सत्य के मार्ग पर चलना ही सबसे बड़ी साधना है।यह बात पटौदी से विधायक बिमला चौधरी ने कही। वे मंगलवार को सिविल लाइंस स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद सभागार में हरियाणा सरकार की संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना के दृष्टिगत जिला प्रशासन, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित जिला स्तरीय महर्षि वाल्मीकि जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रही थी। समारोह में सोहना के विधायक तेजपाल तंवर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं भाजपा के गुरुग्राम महानगर के जिला अध्यक्ष अजीत यादव, निगम पार्षद धर्मबीर भांगरोला की गरिमामयी उपस्थिति रही।
अतिथिगण ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही महर्षि वाल्मीकि जी के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। समारोह में पहुंचने पर अतिथिगण का आयोजन के नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त श्रम आयुक्त कुशल कटारिया तथा विभाग की ओर से जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी बिजेंद्र कुमार ने स्वागत एवं अभिनंदन किया।समारोह में अपने संबोधन में विधायक बिमला चौधरी ने कहामुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हरियाणा सरकार द्वारा संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना चलाई जा रही है। इस परंपरा के शुरू होने से सामाजिक समरसता और महान संतों की गौरव गाथा को जन-जन तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने समाज के महापुरुषों को याद नहीं करेंगे तो हमारी सभ्यता के महत्वपूर्ण पहलू इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जाएंगे। इसलिए सरकार की ओर से धन्ना भगत, कबीरदास जी, महात्मा ज्योतिबा फुले, संत रविदास आदि महापुरुषों की याद में उनकी जयंती पर राज्य व जिलास्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर करवाया जा रहा है।बिमला चौधरी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जैसे महापुरुष किसी युग की ही नहीं, बल्कि समूची मानवता की धरोहर होते हैं। उन्होंने अपने ज्ञान, तप और लेखनी के माध्यम से सत्य, धर्म और मानव मूल्यों को अमर कर दिया। उनके विचार आज भी हर पीढ़ी को जागृति और आत्मबल की प्रेरणा देते हैं।
महर्षि वाल्मीकि के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक : तेजपाल तंवर
विधायक तेजपाल तंवर ने समारोह में उपस्थितजन को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि हमारे देश के इतिहास के अद्वितीय संत, ऋषि और आदि कवि थे, जिन्होंने मानव जीवन के मूल्यों, आदर्शों और मर्यादाओं को अपने काव्य के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने उस समय में रामायण की रचना की जब न विज्ञान का विकास हुआ था और न ही किसी प्रकार की तकनीकी सुविधा थी, फिर भी उनके ज्ञान और दृष्टि में इतनी गहराई थी कि उन्होंने युगों पहले वह सब लिखा जो आगे चलकर घटित हुआ।
श्री तंवर ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की संहिता है—जिसमें परिवार, समाज और राष्ट्र के आदर्शों की झलक मिलती है। उन्होंने बताया कि माता-पिता, भाई-बहन, राजा-प्रजा और गुरु-शिष्य के बीच किस प्रकार के संबंध होने चाहिए। अमीरी-गरीबी और जाति-पात की दीवारों को तोड़ते हुए उन्होंने समाज को एकता, समानता और प्रेम का संदेश दिया। उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने हजारों वर्ष पहले थे। यदि हम उनके दिखाए मार्ग पर चलें तो न केवल हमारा जीवन बल्कि पूरा समाज सुख, समृद्धि और सद्भाव से भर सकता है।
भाजपा गुरुग्राम महानगर के जिलाध्यक्ष अजीत यादव ने कहा
महर्षि वाल्मीकि युगद्रष्टा और समाज सुधारक थे। आज आवश्यकता है कि हम उनके बताए हुए मार्ग पर चलें, शिक्षित बनें, संगठित बनें और समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएं। शिक्षा ही वह शक्ति है जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति का आधार बनती है। महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों को आत्मसात कर हम सबको संकल्प लेना होगा कि ज्ञान, परिश्रम और एकता के बल पर अपने समाज को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
समारोह में मुख्यातिथि तथा विशिष्ट अतिथि सहित अन्य अतिथिगण ने जिला परिषद, नगर परिषद सोहना, नगर परिषद पटौदी मंडी, नगर पालिका फर्रूखनगर, नगर निगम गुरुग्राम तथा मानेसर के स्वच्छता कर्मियों को उनकी कुशल कार्यशैली के मद्देनजर सम्मानित किया। समारोह में मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह में शिक्षक सत्यवान शर्मा ने मंच संचालन का दायित्व निभाया।