- चंडीगढ़, 28 जुलाई : राज्य में ‘नये युग की शुरुआत’ की दिशा में कदम उठाते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज शिक्षा विभाग में काम कर रहे 12,710 ठेका आधारित अध्यापकों को रेगुलर नियुक्ति के पत्र सौंप कर अध्यापक वर्ग के साथ किये बड़े वायदा को पूरा कर दिखाया है।
- यहाँ टैगोर थियेटर में हुए एक समागम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पद संभालने के बाद सभी कानूनी और प्रशासनिक अड़चनों को पार करते हुए इन अध्यापकों की सेवाओं को रेगुलर करने पर ज़ोर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि इस फ़ैसले का मंतव्य अध्यापकों के सुरक्षित भविष्य को यकीनी बनाना है क्योंकि उनका विश्वास है कि अगर अध्यापकों का भविष्य सुरक्षित है तो ही वे विद्यार्थियों की किस्मत को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से किये गए ठोस प्रयासों स्वरूप ही आज यह ऐतिहासिक दिन देखने को मिल रहा है।
- अन्य मुलाजिमों के साथ अपनी भावुक सांझ ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मुलाज़िम की समस्या का समाधान किया जायेगा, जिसके लिए राज्य सरकार पहले ही हर संभव यत्न कर रही है। यह कहते कि वह अध्यापक वर्ग को पेश सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए मौजूद हैं, भगवंत मान ने कहा कि वह एक अध्यापक के पुत्र होने के नाते अध्यापकों की समस्याओं को अच्छी तरह जानते हैं और अध्यापकों को पेश सभी समस्याओं को समाधान करना उनका फर्ज है। उन्होंने कहा कि सरकारी ख़ज़ाना लोगों का है और समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए एक- एक पैसा समझदारी से इस्तेमाल किया जायेगा।
- एक कलाकार के तौर पर उनकी अथक कोशिशों के कारण ही सरहदी गाँव की एक लड़की की ज़िंदगी बदलने का किस्सा सुनाते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि उस लड़की को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था परन्तु उनके विनम्र यत्नों के कारण ही उसकी कोशिशें रंग लायी और उसने सफलता की नयी कहानी लिखी। उन्होंने कहा कि अगर एक कलाकार ऐसा कर सकता है तो राज्य का प्रमुख तो और भी बहुत कुछ कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इन अध्यापकों को कम वेतनों पर काम करना पड़ा और पुरानी सरकारों की बेरुख़ी के कारण उनको अपने जायज़ हकों के लिए प्रदर्शन करना पड़ा। भगवंत मान ने कहा कि मनरेगा के अधीन काम करते मज़दूरों को भी अध्यापकों की अपेक्षा अधिक वेतन मिलता था। उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि यह राष्ट्र निर्माताओं पर अत्याचार नहीं तो और क्या है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी पर कोई अहसान नहीं है, बल्कि राज्य और जनता की सेवा करना उनका प्रारंभिक फर्ज है। भगवंत मान ने कहा कि वह खुश हैं कि राज्य के लोगों ने उन पर इतना भरोसा जताया है और वह इस विश्वास को कायम रखने के लिए हर संभव यत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास और लोगों की खुशहाली को यकीनी बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रही है।