हरियाणा| सालों पहले दान में मिली धौली की जमीन का मालिकाना हक व बेचने का अधिकार ब्राह्मण समाज को मिल गया है. इस संदर्भ में वित्तीय आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 दिसंबर 2022 को करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में लगभग 1700 एकड़ धौली की जमीन के मालिकाना हक दिलाने की घोषणा की थी.
वित्तीय आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार ने उपायुक्तों को आदेश दिया है कि हरियाणा धौलीदार, बूटीमार, भोंडेदार और मुकरारीदार (मालिकाना अधिकार निहित करना) अधिनियम संशोधित किया गया है. इसके तहत निजी व्यक्ति/
संस्था की भूमि धौलीदारों आदि में निहित कर दी गई है. दान में मिली जमीन बेचने पर भी कोई रोक नहीं रहेगी.
पत्र में सभी उपायुक्तों को य़ह भी कहा गया है कि वे जिले के सभी पंजीकरण अधिकारियों
को संबंधित धौलीदारों द्वारा उनके पक्ष में उत्परिवर्तन की मंजूरी के बाद बिक्री कार्यों आदि को आगे पंजीकृत करने के लिए अच्छी तरह से जागरूक करें।
भगवान परशुराम महाकुंभ आयोजन समिति के संरक्षक
सुनील शर्मा डूडीवाला, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ
उप महाधिवक्ता राहुल मोहन व आयोजन समिति के सदस्य शीशपाल राणा ने घोषणा पूरी करने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट किया. उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर राजपत्रित अवकाश, कैथल में मेडिकल कॉलेज का नाम भगवान श्री परशुराम के नाम पर रखा जाना, मुख्यमंत्री ने पहरावर जमीन गौड़ ब्राह्मण कॉलेज को ही देना, भगवान परशुराम के नाम पर डाक टिकट जारी करना, करीब 1700 एकड़ निजी जमीन धौलीदारों को देना, करनाल में फुव्वारा चौक का नाम भाई मती दास-सती दास छिब्बर, पुराने परशुराम चौक का सौंदर्यकरण, परशुराम चौक से गांधी चौक तक के मार्ग का नाम भगवान परशुराम मार्ग, करनाल की ब्राह्मण धर्मशालाओं के लिए कुल 31 लाख रुपये देने की घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं. सालों पहले दान में मिली धौली की जमीन का मालिकाना हक व बेचने का अधिकार ब्राह्मण समाज को मिल गया है. इस संदर्भ में वित्तीय आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं. गौरतलब है कि
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 11 दिसंबर 2022 को करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में लगभग 1700 एकड़ धौली की जमीन के मालिकाना हक दिलाने की घोषणा की थी.
वित्तीय आयुक्त राजस्व एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार ने उपायुक्तों को आदेश दिया है कि हरियाणा धौलीदार, बूटीमार, भोंडेदार और मुकरारीदार (मालिकाना अधिकार निहित करना) अधिनियम संशोधित किया गया है. इसके तहत निजी व्यक्ति/
संस्था की भूमि धौलीदारों आदि में निहित कर दी गई है. दान में मिली जमीन बेचने पर भी कोई रोक नहीं रहेगी.
पत्र में सभी उपायुक्तों को य़ह भी कहा गया है कि वे जिले के सभी पंजीकरण अधिकारियों
को संबंधित धौलीदारों द्वारा उनके पक्ष में उत्परिवर्तन की मंजूरी के बाद बिक्री कार्यों आदि को आगे पंजीकृत करने के लिए अच्छी तरह से जागरूक करें।
भगवान परशुराम महाकुंभ आयोजन समिति के संरक्षक
सुनील शर्मा डूडीवाला, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ
उप महाधिवक्ता राहुल मोहन व आयोजन समिति के सदस्य शीशपाल राणा ने घोषणा पूरी करने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार प्रकट किया. उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर राजपत्रित अवकाश, कैथल में मेडिकल कॉलेज का नाम भगवान श्री परशुराम के नाम पर रखा जाना, मुख्यमंत्री ने पहरावर जमीन गौड़ ब्राह्मण कॉलेज को ही देना, भगवान परशुराम के नाम पर डाक टिकट जारी करना, करीब 1700 एकड़ निजी जमीन धौलीदारों को देना, करनाल में फुव्वारा चौक का नाम भाई मती दास-सती दास छिब्बर, पुराने परशुराम चौक का सौंदर्यकरण, परशुराम चौक से गांधी चौक तक के मार्ग का नाम भगवान परशुराम मार्ग, करनाल की ब्राह्मण धर्मशालाओं के लिए कुल 31 लाख रुपये देने की घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं.