- गुरुग्राम,11 अगस्त : हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस ने एक और पाकिस्तानी कनेक्शन का पता लगाया है। पाकिस्तान से जुड़े 12 से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट्स आइडेंटिफाई करने के बाद पुलिस टीमों ने हिंसा और अकाउंट से जुड़े फॉलोअर्स को पकड़ा तो पता चला कि इसमें हरियाणा के मेवात ही नहीं, बल्कि राजस्थान के भी बड़ी संख्या में फॉलोअर्स है। हिंसा के लिए उकसाने के साथ ही हिंसा के बाद जश्न मनाने तक के पोस्ट अपलोड किए गए थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार चिह्नित किए गए सोशल मीडिया अकाउंट से कथित तौर पर नूंह में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पुलिस के ही अनुसार, ये ग्रुप वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और टेलीग्राम सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चलाए जा रहे हैं, जिनके हरियाणा और राजस्थान के मेवात क्षेत्र से हजारों फॉलोअर्स हैं। इन सभी अकाउंट के जरिए न केवल दंगों के दौरान भीड़ को समुदाय के लिए ‘सब कुछ देने’ के लिए और उकसाने के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि सोशल मीडिया अकाउंट को ऑपरेट करने वाले भी हिंसा के बाद बहुत खुश थे और उन्होंने इन अकाउंट पर जश्न मनाने वाले खूब पोस्ट डाले थे। हिंसा के बाद पुलिस द्वारा पकड़े गए अधिकांश संदिग्ध इन सोशल मीडिया अकाउंट के सक्रिय सदस्य पाए गए हैं।
- राजस्थान पुलिस भी सक्रिय हुई
- पुलिस के मुताबिक, टेलीग्राम अकाउंट को ट्रैक करना जांच टीम के लिए एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इनमें से अधिकांश ने कोई डिजिटल पहचान या रिकॉर्ड नहीं छोड़ा था। जांच टीमों ने खुलासा किया है कि संबंधित सोशल मीडिया अकाउंट भी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। राजस्थान पुलिस भी अलवर और भरतपुर जिलों में काफी फॉलोअर्स वाले ऐसे ही अकाउंट की तलाश में है। ये अकाउंट गौरक्षकों पर अभद्र टिप्पणी करते हैं, साथ ही स्थानीय समुदाय विशेष के लोगों को उनके खिलाफ उकसाने का भी काम करते हैं।
- फ़िलहाल नूंह के एसपी नरेंद्र बिजारनिया के मुताबिक, हमने इन अकाउंट्स से हिंसा से जुड़े वीडियो बरामद किए हैं, जिससे हमें संदिग्धों की पहचान करने में मदद मिली। साथ ही एसपी ने कहा कि इस केस से जुड़े हर पहलु की बारीकी से जांच की जा रही है। हिंसा में शामिल लोगों को पकड़ा जा रहा है।