
यदि किसी संपत्ति पर अवैध कब्जा किया गया हो, तो उसे जब्त किया जाए।
लखनऊ, 4 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया और सुन्नी बोर्ड की अवैध संपत्तियों को जब्त करने का बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों (DMs) को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में स्थित शिया और सुन्नी बोर्ड की संपत्तियों की जांच करें और यदि किसी संपत्ति पर अवैध कब्जा किया गया हो, तो उसे जब्त किया जाए।
मुख्य बिंदु:
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संपत्तियों की अवैधता की जांच
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इन संपत्तियों की गहन जांच करने और अवैध संपत्तियों को जब्त करने के लिए तत्काल अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
सरकार के मुताबिक, शिया और सुन्नी बोर्ड की संपत्तियों में से कई अवैध रूप से कब्जा की गई हैं और उनका उपयोग निर्धारित कानूनी मानकों के खिलाफ किया जा रहा है। इसके तहत सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों से इन संपत्तियों की गहन जांच करने और अवैध संपत्तियों को जब्त करने के लिए तत्काल अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
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दृढ़ कार्रवाई के निर्देश
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अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन संपत्तियों को अवैध रूप से कब्जा किया गया है, उन्हें तुरंत जब्त किया जाए। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इन संपत्तियों का भविष्य में कोई गलत उपयोग न हो। इसके अलावा, अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। -
संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना
सरकार का लक्ष्य है कि शिया और सुन्नी बोर्ड की संपत्तियों का संचालन पूरी तरह से पारदर्शी और कानूनी तरीके से किया जाए। किसी भी अवैध गतिविधि को रोकने के लिए सरकार पूरी तरह से सख्त कदम उठा रही है और इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
क्यों लिया गया यह कदम?
अवैध संपत्ति चलने न पाए और हर संपत्ति का कानूनी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में कई सालों से शिया और सुन्नी बोर्ड की कई संपत्तियां अवैध रूप से कब्जा की गई थीं, या उनका उपयोग गलत तरीके से किया जा रहा था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया और यह कदम उठाया ताकि राज्य में कोई भी अवैध संपत्ति चलने न पाए और हर संपत्ति का कानूनी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार की प्रतिक्रिया:
योगी सरकार ने कहा है कि यह कदम किसी भी धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने का प्रयास नहीं है। यह सिर्फ उन संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई है, जो अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश में प्रशासन का संचालन पूरी तरह से पारदर्शी और कानून के दायरे में हो, और कोई भी सरकारी या धार्मिक संपत्ति अवैध रूप से न चलने पाए।
विपक्ष और मुस्लिम नेताओं की प्रतिक्रिया:
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह केवल अवैध संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई है
इस कदम के बाद विपक्ष और कुछ मुस्लिम नेताओं ने चिंता जताई है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या यह कदम धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह केवल अवैध संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई है और यह किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है।
अगले कदम:
इसके परिणामों पर लगातार अपडेट जारी किया जाएगा।
अब सभी जिलाधिकारियों को इन अवैध संपत्तियों की जांच शुरू करने का आदेश दिया गया है। इसके बाद जल्द ही अवैध संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह अभियान उत्तर प्रदेश के हर जिले में चलाया जाएगा। साथ ही, उच्च अधिकारियों द्वारा इस अभियान की निगरानी की जाएगी और इसके परिणामों पर लगातार अपडेट जारी किया जाएगा।
अन्य बोर्डों के संपत्तियों का सही तरीके से संचालन हो
यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार के प्रशासनिक सुधारों और कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि सभी धार्मिक और अन्य बोर्डों के संपत्तियों का सही तरीके से संचालन हो और किसी भी अवैध कब्जे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।