- पारदर्शिता केवल खट्टर साहब के जुमलों में है भर्तियों में नही- सुरजेवाला
- पूछा, यदि भर्तियों मे पारदर्शिता है तो अभ्यर्थियों को आरटीआई से भी सूचना क्यों नही
- सरकार का पूरा ज़ोर एचपीएससी के घोटाले छिपाने पर
- साधा निशाना, बोले एचसीएस की मुख्य परीक्षा में अंकों में हेराफेरी सामने आने के बाद एचपीएससी ने आंसर शीट दिखानी क्यों बंद की
चंडीगढ़:कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश की सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता को लेकर खट्टर सरकार पर तीखा हमला बोला है। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार इस प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं और उनके अच्छे भविष्य की उम्मीद लगाए बैठे उनके परिजनों की आंखों में पारदर्शिता के झूठे नारे लगाकर धूल झोंक रही है।
उन्होंने दो टूक कहा कि ये पारदर्शिता ना एचपीएससी की भर्तियों में है, ना एचएसएससी में। खट्टर राज मे विश्वविद्यालयों में तो पारदर्शिता की उम्मीद करना ही बेमानी है। रणदीप ने यहाँ जारी बयान में मुख्यमंत्री से पूछा कि अगर भर्तियों में पारदर्शिता के मनोहरलाल खट्टर के दावे सही हैं तो युवाओं को आरटीआई के माध्यम से भी उनकी जायज़ सूचनाएं तक भी क्यों नही दी जा रही?
रणदीप ने आरोप लगाया कि दरअसल ये लोग पहले घोटाले पर घोटाले करते चले जाते हैं और फिर उन्हें दबाने के लिए नियम-कानूनों की सरेआम धज्जियां उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि खट्टर साहब की सरकार की एक भी भर्ती ऐसी नही है जो प्रथम दृष्टया कोर्ट में ना अटकी हो। कुछ भर्तियां तो ऐसी भी हैं जिनको पूरा हुए भी 7-8 साल हो गए लेकिन, उनके खिलाफ मामले आज भी न्यायालयों में विचाराधीन हैं।
रणदीप ने कहा कि एचसीएस की भर्ती तो हर बार इनके लिए एक नया कलंक लेकर आती है। एचसीएस की 2019 की भर्ती में प्रारंभिक परीक्षा में 20 से अधिक प्रश्न ऐसे थे जिनका हिंदी अनुवाद दिया ही नही गया था। वह मामला भी कोर्ट में फंसा। एचसीएस की पिछली भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा में आयोग का डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर कैंडिडेट्स की ओएमआर शीट्स और करोड़ों रुपयों की अटैची के साथ पकड़ा गया। बड़ी-बड़ी मछलियां इस कीचड़ में धंसी थी लेकिन,खट्टर सरकार की विजिलेंस ने अनिल नागर को बलि का बकरा बनाकर बाकी सभी घोटालेबाजों को साफ बचा लिया। लोगों को दिखाने के लिए दुबारा परीक्षा करवा ली गई लेकिन, ढाक के वही तीन पात। एक साल गुजर जाने के बाद भी अभ्यर्थियों को ना तो अभ्यर्थियों को इनके पिछली एचसीएस(प्री) परीक्षा के पेपर-I और पेपर-II के अंक बताए जा रहे और ना ही कट ऑफ।