नई दिल्ली, 7 नवंबर: राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और दमघोंटू धुंध के कारण हालात गंभीर होते जा रहे हैं, जिससे प्रशासन ने कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है।
मुख्य फैसले:
- स्कूलों को बंद करने का आदेश: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प लागू किया जाएगा।
- मास्क पहनना हुआ अनिवार्य:
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद मास्क पहनना अब अनिवार्य कर दिया गया है। यह निर्देश सड़कों पर बाहर निकलने वाले सभी नागरिकों के लिए लागू किया गया है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है। - कर्मचारियों के लिए घर से काम (Work From Home):
दिल्ली सरकार और कई प्राइवेट कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के निर्देश दिए हैं। इससे ऑफिसों में भीड़ कम होगी और सड़क पर वाहनों की संख्या घटेगी, जिससे प्रदूषण में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। - लॉकडाउन जैसे हालात:
राजधानी में प्रदूषण स्तर में लगातार बढ़ोतरी के कारण स्थिति लॉकडाउन जैसे हो गई है। सड़कों पर ट्रैफिक कम हो गया है, और लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं। इसके अलावा, निर्माण कार्यों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, ताकि धूल और प्रदूषण को और बढ़ने से रोका जा सके।
प्रदूषण का कारण:
प्रदूषण में सबसे बड़ी भूमिका पराली जलाने, वाहनों से निकलने वाला धुंआ, और निर्माण कार्यों से होने वाली धूल का है। सरकार ने इसे लेकर कई उपायों की घोषणा की है, लेकिन प्रदूषण का स्तर अब भी खतरनाक स्थिति में है।
कड़े कदम की आवश्यकता:
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जल्दी और सख्त कदम उठाने होंगे। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही, तो इससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है, खासकर अस्थमा और श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए।