राजनीतिक माहौल में इन घटनाओं की गूंज लंबे समय तक बनी रह सकती
जयपुर, राजस्थान 4 नवंबर।
राजस्थान में हालिया घटनाक्रमों के चलते राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। वित्तीय सलाहकार के सामने 34 लाख के गबन का मामला स्वीकार किए जाने के बाद, सूचनाएं सामने आई हैं कि यह गबन सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) से संबंधित है। इस मामले में संबंधित फर्मों के भुगतान का बैंक स्टेटमेंट भी उपलब्ध है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
अपनी बहन को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं
अतिरिक्त निदेशक अरुण जोशी ने आरोप लगाया है कि उनके द्वारा अपनी बहन को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं, और यह स्पष्ट है कि वह स्वयं इस मामले में संलिप्त रहे हैं। उन्होंने वित्तीय विभाग को आश्वासन दिया है कि वह तीन दिन के भीतर दोषी अधिकारियों और फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा देंगे, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है।
वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस भ्रष्टाचार के मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की
वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस भ्रष्टाचार के मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और पहले ही कई आदेश पत्र जारी किए हैं, लेकिन विभाग में व्याप्त निष्क्रियता से लोग परेशान हैं।
डीआईपीआर के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं,
इस पूरे मामले में डीआईपीआर के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर यह देखने में कि कैसे एक मरे हुए व्यक्ति के नाम पर समाचार पत्र का संचालन किया जाता रहा। यह जांच का विषय है कि इन सब गतिविधियों में किसकी मिलीभगत रही है।
राजस्थान के राजनीतिक माहौल में इन घटनाओं की गूंज लंबे समय तक बनी रह सकती है, और इसके परिणामस्वरूप सरकार को जवाबदेही के लिए तैयार रहना होगा।