तीन दर्जन से अधिक कांग्रेस और पांच दर्जन से अधिक भाजपा के नेता
जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ गया और अभी से ही भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस पार्टी के विधायक एवं मंत्रियों को अपना टिकट काटता हुआ नजर आ रहा है जिसके चलते अभी से ही दोनों दलों के नेता दिल्ली दरबार में अपने-अपने राजनीतिक आकाओं के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं को अभी से ही टिकट काटने का डर महसूस हो गया है और टिकट पाने के लिए राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के अलावा दिल्ली दरबार में भी अपनी अपनी गोटिया फिट करने में जुट गए हैं। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस के करीब तीन दर्जन से अधिक नेताओं को टिकट मिलने का इशारा समाप्त होता नजर आ रहा है सूत्र बताते हैं कांग्रेस ने अंदरूनी फैसला लिया है जो कांग्रेस का नेता पिछले विधानसभा चुनाव में 20 हजार से अधिक वोटो से हारे थे उनका टिकट नामुमकिन बताया जा रहा है वहीं दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आई भारतीय जनता पार्टी में भी राजस्थान में टिकटो को लेकर अभी से ही बैठकर होने लगी है और यह देखा जा रहा है जो प्रत्याशी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेताओं से कितने वोटो से हारे थे उनको भी टिकट देने के लिए अभी भाजपा पूरी से तैयार नहीं है।
वसुंधरा को लेकर भाजपा में कहले
भाजपा के अधिकतर नेताओं को वसुंधरा पर विश्वास
राजनीतिक पंडितों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कम विश्वास है और उन्हें विपक्ष में रहते हुए भाजपा की ओर से खास ताबाज नहीं दी गई जिसको लेकर भी भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में टिकटों के बंटवारे को लेकर अभी से ही बैठकर शुरू कर रही है वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी जानकारी है कि उनकी पार्टी उन्हें धीरे-धीरे दरकिनार कर रही है लेकिन अधिकतर जीतने वाले प्रत्याशी वसुंधरा के साथ बताई जा रहे हैं और चुनाव में भी वसुंधरा कोई बड़ा खेल खेल सकती है।
टिकटोक को लेकर सचिन पायलट और गहलोत के बीच तनातनी शुरू
कांग्रेस पार्टी के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए जहां अभी से आश्वासन दे रहे हैं वही टिकट वितरण से पहले ही कांग्रेस के दोनों नेताओं में एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है अशोक गहलोत का कहना है भाजपा के प्रत्याशियों से जो 17 से 20 हजार वोटो से हारे हैं उन्हें टिकट देना उचित नहीं है वहीं सचिन पायलट अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए अड़े हुए हैं लेकिन दोनों राजनीतिक दल हारे हुए प्रत्याशियों पर दा लगाने के लिए तैयार नहीं है चुनाव में जीत हासिल करने वाले नेताओं को आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन दोनों दलों के नेताओं में अभी टिक टॉक को लेकर मारामारी शुरू हो गई है।