रोहतक,14 मार्च
साध्वियों के यौन शोषण और मर्डर केस में उम्रकैद की सजा भुगत रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम ने राजनीति से तौबा कर ली है. उसने अपने डेरे के पॉलिटिकल विंग को भंग कर दिया है. राम रहीम ने अपने अनुयायियों से कहा है कि अब डेरे का कोई राजनीतिक विंग नहीं होगा. अब तक चुनाव में किस सियासी पार्टी का समर्थन करना है, इसका फैसला यही पॉलिटिकल विंग करता था. मतदान से 24 घंटे पहले अपने नेटवर्क के जरिये डेरे के लाखों अनुयायियों तक उससे जुड़ा संदेश भी पहुंचाता था.
डेरा सच्चा सौदा के पॉलिटिकल विंग का गठन वर्ष 2007 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव से एक साल पहले किया गया था. राम रहीम को 2017 में पहली बार सजा होने के बाद पिछले कुछ चुनाव में डेरा अपने अनुयायियों को BJP के पक्ष में वोट देने का संदेश देता रहा है. हालांकि डेरा कभी खुलकर ये समर्थन नहीं देता और मतदान से 24 घंटे पहले डेरे के इसी पॉलिटिकल विंग की ओर से डेराप्रेमियों को संदेश पहुंचाया जाता रहा है. अब 2024 के लोकसभा चुनाव से 9 महीने पहले डेरा प्रमुख राम रहीम का पॉलिटिकल विंग भंग करने का फैसला काफी चौंकाने वाला है.
डेरे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक राम रहीम ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि डेरा अब समाजसेवा के काम पर फोकस करना चाहता है. राम रहीम के जेल से पैरोल पर बाहर आने को लेकर तमाम सियासी पार्टियां BJP पर हमले करती रहती हैं। इसी तरह के विवाद से बचने के लिए राम रहीम ने पॉलिटिकल विंग भंग किया है.
अब किसी का समर्थन नहीं
डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पंजाब-हरियाणा में चलने वाले तमाम बड़े डेरों का राजनीतिक विंग होता है. कुछ में यह आधिकारिक रूप से काम करता है और कुछ में इसे अंदरखाते चलाया जाता है. पंजाब-हरियाणा और हिमाचल में तमाम पार्टियों के नेता चुनाव से पहले समर्थन पाने के लिए इन डेरों की शरण में पहुंचते रहे हैं. इसे लेकर विवाद भी होता है। ऐसे में डेरा सच्चा सौदा अब किसी पार्टी को खुलकर समर्थन करता नजर नहीं आना चाहता। इसी वजह से राम रहीम ने डेरे का पॉलिटिकल विंग खत्म किया है.
तीन मामलों में सजा, पैरोल मिलने पर सवाल
राम रहीम को वर्ष 2017 में डेरे की दो साध्वियों के यौनशोषण मामले में 10-10 साल की सजा हुई और उसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है. उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और डेरे के पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह हत्या से जुड़े केस में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है. हालांकि राम रहीम अपनी पैरोल को लेकर खूब चर्चाओं में रहा है.