- रबी फसलों की बुवाई के समय कृषि विभाग हरियाणा ने सरसों के उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का किया था मुफ्त वितरण
गुरुग्राम, 19 मार्च
कृषि विभाग गुरुग्राम के उपनिदेशक डॉ अनिल तंवर ने बताया कि सरसों हरियाणा में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहनी फसलों में से एक है और इसमें हमारी घरेलू खाद्य तेल की मांग को पूरा करने की अपार क्षमता है. स्थानीय स्तर पर उन्नत किस्मों के अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिये कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन ओएस एण्ड ओपी के अर्न्तगत सरसों पर विशेष कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को मुफ्त में सरसों मिनीकिट के वितरण के लिये अति सुक्ष्म स्तरीय योजना बनाई है.
डॉ अनिल ने बताया कि रबी सीजन 2022-23 के दौरान हरियाणा राज्य ने सरसों की तीन प्रमुख किस्में प्रदान की है जिसमें पीडीजेडएम-31 (उच्च बाजार मूल्य के साथ पीली सरसों की आइएआरआई- पूसा किस्म), सीएस -60 और आरएच-725 ( एक जलवायु सहिष्णु) उच्च उपज क्षमता वाली सीसीएचएयू की किस्म शामिल है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के द्वारा गुरूग्राम व नूंह में किसानों के लिये उपलब्ध करवाई गई सीएस-60 सरसों की किस्म की पैदावर जांचने के लिये फसल कटाई प्रयोग किए गए.
फसल कटाई के यह प्रयोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (भारत सरकार) के संयुक्त निदेशक डॉ विक्रांत सिंह की उपस्थिति में ग्राम ढोरका में सुरेन्द्र एवं ग्राम नरहेड़ा में ईश्वर के खेत पर किए गए. इस दौरान डॉ विक्रांत सिंह ने किसानों के द्वारा बिजाई, सिंचाई, खाद की मात्रा, खरपतवारनाशक दवाई आदि की गई कृषि कार्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की. फसल कटाई प्रयोगों में पांच बाई पांच मीटर के क्षेत्र में फसल की कटाई की गई और दानों को झाड़ने के बाद उनका वजन किया गया। इस वजन से खेत की औसत पैदावार निकाली गई.
इस दौरान उप मण्डल कृषि अधिकारी डॉ जगबीर सिंह ढिंढवाल, पटौदी खंड के कृषि अधिकारी डॉ जगमोहन सिंह खण्ड कृषि अधिकारी पटौदी, सुनिल कुमार, रविशंकर मौजूद रहे.