आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें 26000 न्यूनतम वेतन
सिरसा,18 अक्तूबर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यहां लघु सचिवालय में 71वें दिन भी धरना जारी रहा। आशा वर्कर्स यूनियन की जिला कोषाध्यक्ष शिमला झोपड़ा ने धरने की अध्यक्षता की जबकि मंच संचालन सुलोचना व रेखा रानी ने किया। आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान दर्शना रानी ने बताया कि मुख्य सचिव राजेश खुल्लर के साथ सोमवार को दूसरी बार वार्ता हुई। उन्होंने मांगों पर आश्वासन दिया, लेकिन यूनियन के डेलिगेशन के साथ सभी मांगों पर सहमति नहीं हुई। मुख्य सचिव राजेश खुल्लर व सभी अधिकारियों ने दो-तीन दिन के बाद मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के बाद ही अंतिम फैसले की बात कही। उन्होंने बताया कि जब तक हमारी मांगों का समाधान नहीं होता है, तब तक आशा वर्कर्स का धरना जारी रहेगा। आशा वर्कर्स की जिला सचिव पिंकी शाक्य ने बताया कि आशा वर्कर 71 दिन से लगातार धरने पर बैठी है। सन् 2018 से सरकार ने महंगाई बढ़ाई है और काम बढ़ाया है, लेकिन आशाओं के वेतन में एक भी पैसा की वृद्धि नहीं की है। आशा वर्कर्स की मुख्य मांगें 26000 न्यूनतम वेतन, ईएसआई-पीएफ का लाभ दिया जाए और जो बहनें शहीद हुई हैं, उनके परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए। उन्होंने बताया कि 18 अक्तूबर को डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की सिरसा कोठी का घेराव करते हुए 24 घंटे का पड़ाव डाला जाएगा। सरकार जब तक मांगों का समाधान नहीं करती है, तब तक आशा वर्कर्स आंदोलन को और तेजी से बढ़ाते हुए यूं ही संघर्ष जारी रखेंगी। इस मौके पर रोशनी दड़बा कलां, उषा रानी, पुष्पा रानी, विजयलक्ष्मी, मीनाक्षी सहित सैकड़ों आशा वर्कर्स शामिल रहीं