सोनीपत के एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा एक छात्र की पिटाई का गंभीर मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना 5वीं कक्षा के एक छात्र के साथ घटी, जिसे शिक्षक द्वारा इतनी बेरहमी से मारा गया कि उसके कान का पर्दा फट गया और उसके पेट में सूजन आ गई। इस दौरान छात्र के कान से खून भी निकलने लगा, लेकिन इसके बावजूद उसे तीन घंटे तक स्कूल में रखा गया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना तब हुई जब छात्र ने किसी सवाल का जवाब गलत दे दिया था, जिस पर गुस्से में आकर शिक्षक ने उसकी पिटाई कर दी। इस घटना के बाद छात्र की तबीयत बिगड़ने लगी और उसने घर जाकर अपने माता-पिता को इसकी जानकारी दी। तुरंत ही उसे स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने कान का पर्दा फटने और पेट में सूजन की पुष्टि की।
परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया और बच्चे को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में विफल रहा। यह भी कहा जा रहा है कि तीन घंटे तक स्कूल में बच्चे को रखा गया, जबकि उसे तुरंत चिकित्सा की जरूरत थी।
इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है, जबकि स्कूल प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया जा रहा है। परिजनों का कहना है कि ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह घटना शिक्षा के क्षेत्र में सुरक्षा और नैतिकता पर गंभीर सवाल उठाती है। शिक्षक का कार्य बच्चों को सिखाना और उनका मार्गदर्शन करना होता है, न कि उन्हें शारीरिक या मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाना। ऐसे मामलों से निपटने के लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण और स्कूलों में सख्त नियमों की आवश्यकता है।
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