हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। गोहाना विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हर्ष छिक्कारा ने कांग्रेस से नाता तोड़ते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। हर्ष छिक्कारा, जो गोहाना क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, ने पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने से नाराज होकर यह बड़ा फैसला लिया है, जिससे कांग्रेस को इस महत्वपूर्ण सीट पर कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
हर्ष छिक्कारा कांग्रेस के टिकट के लिए प्रमुख दावेदार थे और लंबे समय से गोहाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से उम्मीद की थी कि उन्हें इस बार टिकट मिलेगा, लेकिन जब पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इंकार कर दिया, तो उन्होंने बगावत का रास्ता चुन लिया। छिक्कारा ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अब कांग्रेस के बैनर तले चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे।
छिक्कारा का कांग्रेस से अलग होना पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि वह गोहाना क्षेत्र में एक मजबूत और लोकप्रिय चेहरा हैं। उनके पास क्षेत्र के युवा और किसान समुदाय का व्यापक समर्थन है, और उनकी चुनावी रणनीति भी काफी मजबूत मानी जाती है। कांग्रेस के लिए यह स्थिति मुश्किल पैदा कर सकती है, क्योंकि एक बड़े स्थानीय नेता का बगावत करना पार्टी की चुनावी संभावनाओं को कमजोर कर सकता है।
गोहाना विधानसभा सीट पर हर्ष छिक्कारा का प्रभाव लंबे समय से बना हुआ है। वह क्षेत्र में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और जनता के बीच उनकी छवि एक जुझारू नेता की है, जो लोगों के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाते रहे हैं। उनकी निर्दलीय उम्मीदवारी से कांग्रेस को इस क्षेत्र में मत विभाजन का सामना करना पड़ सकता है, जिससे अन्य राजनीतिक दलों को भी फायदा हो सकता है।
इस घटनाक्रम के बाद गोहाना विधानसभा क्षेत्र का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल गया है। जहां कांग्रेस को हर्ष छिक्कारा के बगावती कदम से नुकसान हो सकता है, वहीं अन्य दल भी इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। हर्ष छिक्कारा की यह बगावत कांग्रेस के लिए सिर्फ गोहाना में ही नहीं, बल्कि राज्य भर में पार्टी के भीतर चल रही असंतोष की भावना को भी उजागर करती है।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस झटके के बाद कैसे स्थिति को संभालती है और क्या रणनीति अपनाती है। साथ ही, हर्ष छिक्कारा की निर्दलीय उम्मीदवारी गोहाना विधानसभा चुनाव में किस हद तक कांग्रेस की संभावनाओं को प्रभावित करती है, यह भी आगामी चुनावी नतीजों के साथ साफ होगा।
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