हरियाणा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जी.एल. शर्मा कल शाम 4 बजे दिल्ली में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उठाने जा रहे हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अलविदा कहकर कांग्रेस पार्टी का दामन थामेंगे। इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई अन्य प्रमुख कांग्रेस नेता भी उपस्थित रहेंगे।
जी.एल. शर्मा का भाजपा से इस तरह हटना राज्य की राजनीति में एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी जोर पकड़ रही है। शर्मा का भाजपा से नाता तोड़ना भाजपा के भीतर असंतोष और पार्टी में मचे घमासान का संकेत माना जा सकता है, जो चुनावी माहौल में किसी भी पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
शर्मा भाजपा के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली नेता माने जाते थे, और उनका पार्टी छोड़ना न केवल भाजपा के लिए एक बड़ा नुकसान है, बल्कि कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि हो सकती है। उनकी कांग्रेस में शामिल होने की खबर ने राज्य की राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है, जहां सभी दल अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं।
इस घटनाक्रम का असर हरियाणा में चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां जी.एल. शर्मा की मजबूत पकड़ मानी जाती थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस के अन्य नेता उनके शामिल होने को कांग्रेस के लिए एक बड़ी जीत मानते हुए हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति को और सुदृढ़ करने का प्रयास करेंगे।
कांग्रेस में शामिल होने के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि शर्मा पार्टी के लिए किस प्रकार की भूमिका निभाते हैं और उनका यह कदम हरियाणा की राजनीति पर क्या असर डालता है। आगामी चुनावों में उनके इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह समय के साथ स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल यह कदम भाजपा के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है।