Sunday, September 22, 2024

हरियाणा: मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार और ओएसडी की नाकामी पर उठ रहे सवाल, फिर भी चुनावी टिकट की दावेदारी

हरियाणा विधानसभा चुनाव:

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी, मीडिया को ऑर्डिनेटर और केंद्रीय मंत्री के सचिव टिकट की दौड़ में शामिल

दिल्ली, हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच, राज्य सरकार के मीडिया सलाहकारों, कोऑर्डिनेटरों और ओएसडी (ओवरसियर ऑन स्पेशल ड्यूटी) की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्त किए गए इन अधिकारियों का काम सरकार की छवि को सुधारना और जनता के बीच सकारात्मक संदेश पहुंचाना था, लेकिन अब आलोचना का शिकार हो रहे हैं कि वे इस कार्य में पूरी तरह विफल रहे हैं।

सरकार की छवि सुधारने में विफलता

सरकार ने अपनी नीतियों और कार्यों को जनता के बीच प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए इन अधिकारियों पर करोड़ों रुपए खर्च किए। उनके वेतन और सुविधाओं पर सरकार द्वारा भारी निवेश किया गया, लेकिन उनके प्रयासों का अपेक्षित परिणाम नहीं निकला। जनता के बीच सरकार की छवि को सुधारने का काम अधूरा ही रह गया। यह माना जा रहा है कि इन अधिकारियों ने जनता की भलाई के बजाय, अपने निजी हितों को प्राथमिकता दी।

टिकट की दावेदारी पर सवाल

इन्हीं अधिकारियों में से एक दर्जन से अधिक अब भाजपा की विधानसभा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। यह बात कई राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। जनता के बीच इन अधिकारियों की कोई खास पहचान नहीं है, और उनका प्रदर्शन उनके पद की जिम्मेदारियों के अनुरूप नहीं रहा है। इसके बावजूद, वे केवल पार्टी के बल पर टिकट मांग रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

राज्य के कई क्षेत्रों में जनता का मानना है कि इन अधिकारियों ने अपने कार्यकाल के दौरान जनता के हितों की उपेक्षा की और अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभाया। सरकार की छवि को सुधारने के बजाय, इन अधिकारियों ने अपने निजी स्वार्थों को पूरा करने में अधिक रुचि दिखाई। इसके चलते, जनता में उनके प्रति कोई विशेष समर्थन नहीं देखा जा रहा है।

भाजपा के सामने चुनौती

अब भाजपा नेतृत्व के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्हें यह निर्णय लेना होगा कि ऐसे अधिकारियों को चुनावी टिकट देना सही होगा या नहीं, जिन्होंने जनता की भलाई के लिए अपेक्षित प्रयास नहीं किए। पार्टी के लिए यह निर्णय न केवल चुनावी समीकरणों पर असर डालेगा, बल्कि जनता के बीच उनकी छवि को भी प्रभावित करेगा।

हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदरूनी हलकों में टिकट के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार चर्चा का केंद्र बने हैं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के  ओएसडी (ओवरसियर ऑन स्पेशल ड्यूटी), उनके मीडिया कोऑर्डिनेटर और मीडिया एडवाइजर। ये सभी आगामी चुनावों में भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री  राव इंद्रजीत सिंह के सचिव भी चुनावी मैदान में अपनी जगह पक्की करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री राम इंद्रजीत सिंह के सचिव की दावेदारी

केंद्रीय मंत्री राम इंद्रजीत सिंह के सचिव भी इस दौड़ में शामिल हैं। उन्होंने केंद्रीय स्तर पर अपने मंत्री के साथ मिलकर काम किया है और राज्य की राजनीति के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में भी अपनी अच्छी पकड़ बनाई है। उनकी उम्मीदवारी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि उनके पास प्रशासनिक अनुभव के साथ-साथ राजनीतिक सूझबूझ भी है।

 

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