हरियाणा विधानसभा चुनावों के बीच कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र राठौर के विवादास्पद बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। चुनावी सभा के दौरान राठौर ने एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि वह जीतते हैं, तो नौकरी देने में ‘कुनबों’ का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनके क्षेत्र के कमिश्नर को दिल्ली भेजने की तैयारी कर लेनी चाहिए, जिससे उनके बयानों ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
वीरेंद्र राठौर का यह बयान अब विपक्षी दलों के निशाने पर आ गया है। बीजेपी और जेजेपी ने इस बयान की कड़ी निंदा की है, इसे गैर-जिम्मेदाराना और जातिवादी मानसिकता का प्रतीक बताया है। विपक्ष का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है और इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
इस विवादित बयान के बाद कांग्रेस भी असहज स्थिति में है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने राठौर के बयान से किनारा कर लिया है और इसे उनकी निजी राय बताया है। हालांकि, विपक्ष इस मामले को जोर-शोर से उठा रहा है और चुनाव आयोग से शिकायत करने की योजना बना रहा है।
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हरियाणा में जातिगत समीकरण और विकास के मुद्दे चुनावी चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं। राठौर के इस बयान ने न केवल उनके खिलाफ बल्कि कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस पार्टी इस विवाद को कैसे संभालती है और क्या राठौर अपने बयान पर सफाई देते हैं या नहीं।