चंडीगढ़, 13 नवंबर – हरियाणा में बीपीएल (Below Poverty Line) कार्डों में गंभीर अनियमितताएँ सामने आई हैं। यह खुलासा हुआ है कि लाखों बीपीएल कार्ड उन लोगों के नाम पर बने हैं जो हरियाणा के निवासियों के बजाय बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के हैं। वहीं, असल में हरियाणा के गरीब परिवार बीपीएल कार्ड से वंचित हैं और सरकारी लाभ से दूर हैं।
बीपीएल कार्ड में घोटाले का आरोप
जो वास्तव में हरियाणा के निवासी नहीं हैं
हरियाणा के बीपीएल कार्डों में भारी गड़बड़ी का आरोप राजनीतिक लाभ और वोट बैंक के खेल पर लगाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, ऐसे करीब 15 लाख से अधिक परिवारों को बीपीएल कार्ड में शामिल किया गया है, जो वास्तव में हरियाणा के निवासी नहीं हैं, बल्कि अन्य राज्यों के हैं। इन परिवारों ने अपने वोट कार्ड और आधार कार्ड का पता हरियाणा में दर्ज करवा लिया था, और राजनीतिक नेताओं ने वोट बैंक बढ़ाने के लिए इन्हें बीपीएल कार्ड में शामिल कर लिया।
बीपीएल कार्ड बनाने के दौरान इन परिवारों के पास न तो हरियाणा में कोई स्थायी घर है, न ही वहां का कोई अन्य ठिकाना है, बल्कि उन्होंने केवल फर्जी तरीके से अपने एड्रेस बदलवाए हैं। इसके चलते उन असल हरियाणवी गरीब परिवारों को बीपीएल कार्ड से वंचित किया गया, जिनके लिए यह योजना डिज़ाइन की गई थी।
विधानसभा चुनाव के समय बढ़े बीपीएल कार्ड
हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान यह गड़बड़ी और भी बढ़ी, जब नेताओं ने चुनावी फायदा उठाने के लिए ऐसे लोगों के बीपीएल कार्ड बनवाए जो वास्तव में इसके लायक नहीं थे। इन परिवारों के पास जमीन, गाड़ियां और बैंक बैलेंस जैसे संपत्ति के प्रमाण हैं, जबकि जिन परिवारों को वास्तव में बीपीएल कार्ड की आवश्यकता थी, वे अब तक इस योजना से बाहर हैं।
राजनीतिक कारणों से हुई यह गड़बड़ी गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनी हुई है। जो परिवार वास्तव में गरीब हैं, उनके पास आज भी बीपीएल कार्ड नहीं हैं, और वे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
फर्जी वोट और राशन कार्ड की गड़बड़ी
हरियाणा में फर्जी वोटिंग का मामला भी चर्चित रहा है, जिसमें कई लोगों के वोट कार्ड फर्जी पते पर बने थे। अब बीपीएल कार्ड के मामले ने फिर से विवाद को जन्म दे दिया है। राशन कार्ड के फर्जी पते पर बने होने के कारण सच्चे पात्र राशन और अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
इस स्थिति पर हरियाणा के नागरिकों और राजनीतिक नेताओं के बीच जंग छिड़ी हुई है। यह सवाल उठ रहा है कि सरकार इस पर कब और क्या कार्रवाई करेगी। क्या इन फर्जी बीपीएल कार्डों को रद्द किया जाएगा और जिन परिवारों को वास्तव में इस कार्ड की आवश्यकता है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा?
आखिरकार समाधान क्या होगा?
अब यह देखना बाकी है कि हरियाणा सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है। क्या यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाएगा, या वाकई बीपीएल कार्डों में हुए घोटाले की जांच होगी और गरीबों को उनका हक मिलेगा? इस पर सरकार की कार्रवाई जल्द ही तय करेगी कि असली बीपीएल परिवार को आखिरकार इसका लाभ मिल पाएगा या नहीं।
हरियाणा के गरीबों के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है
यह स्थिति हरियाणा के गरीबों के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है, और उम्मीद की जाती है कि राज्य सरकार इस समस्या का समाधान शीघ्र निकालेगी, ताकि असल गरीबों को लाभ मिल सके और घोटाले की जांच की जा सके।