सातवीं बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे हैं
हरियाणा का मुख्यमंत्री नहीं बदला जाएगा, फिर भी यह स्थिति दिलचस्प बन गई है
नई दिल्ली। हरियाणा में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में अब तीन प्रमुख नेता शामिल हो गए हैं। केंद्रीय राज्य मंत्री इंद्रजीत सिंह और पूर्व गृहमंत्री अनिल विज, जो अंबाला विधानसभा क्षेत्र से लगातार सातवीं बार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे हैं, मुख्यमंत्री बनने की होड़ में हैं। जबकि भाजपा के सीनियर नेता हैं, यह देखना है कि पार्टी उनके अनुभव को कितना महत्व देती है।
खट्टर का प्रभाव और चुनौती
मनोहर लाल खट्टर पिछले आठ वर्षों से अनिल विज पर भारी पड़ते रहे हैं। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी खट्टर का हरियाणा में प्रभाव कम नहीं हुआ है। उनके समर्थक नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना के साथ खट्टर का आशीर्वाद है। इस स्थिति ने इंद्रजीत सिंह को भी चिंता में डाल दिया है, क्योंकि उनके समर्थक भी खट्टर के दबदबे को लेकर चिंतित हैं।
मुख्यमंत्री पद
17 अक्टूबर को नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाने की संभावना है। हालांकि, अनिल विज और इंद्रजीत सिंह दोनों मुख्यमंत्री पद पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव के समय स्पष्ट किया था कि हरियाणा का मुख्यमंत्री नहीं बदला जाएगा, फिर भी यह स्थिति दिलचस्प बन गई है कि कैसे ये दो नेता इस परिदृश्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।
अनिल विज और इंद्रजीत सिंह अपनी दावेदारी को जारी रखे हुए हैं
हरियाणा की राजनीति में मुख्यमंत्री पद के लिए संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है। मनोहर लाल खट्टर की स्थिति मजबूत होने के बावजूद अनिल विज और इंद्रजीत सिंह अपनी दावेदारी को जारी रखे हुए हैं। अब देखना होगा कि भाजपा इस समीकरण को कैसे संभालती है और कौन नेता मुख्यमंत्री बनने में सफल होता है।