दिल्ली-जयपुर हाइवे पर बुधवार की सुबह हुए दर्दनाक हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया। रामपुरा चौक के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने डाक कांवड़ियों की बाइक को टक्कर मार दी, जिससे एक कांवड़िए की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद आक्रोशित कांवड़ियों ने हाईवे पर जाम लगा दिया, जिससे कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लग गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए हाईवे पर लगे जाम को हटाने का प्रयास किया। हालांकि, कांवड़ियों का रोष कम नहीं हुआ। उनका आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने यात्रा के दौरान उचित सुरक्षा प्रबंध नहीं किए, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
मृतक हेमंत मीणा अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था, जिससे उसके परिवार पर गहरा संकट आ गया है। साथी कांवड़ियों ने मृतक के परिवार के लिए सरकारी नौकरी, 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के मुफ्त इलाज की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा के इंतजामों में क्या कमी रह जाती है। प्रशासन से कांवड़ियों ने अपील की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। उनकी मांग है कि तेज रफ्तार वाहनों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं और हरिद्वार से गंगाजल लाने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है बल्कि एक बड़ी सीख भी है, जो यह दर्शाती है कि धार्मिक यात्राओं के दौरान सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।