क्या सिर्फ 9 करोड़ में मिल सकती है अमेरिकी नागरिकता? जी हाँ! अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आज गुरुवार को ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ के लिए अप्लाई प्रोसेस शुरू करने का ऐलान किया है। इसके लिए आवेदक आज से ही आवेदन कर सकते हैं।—जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ट्रम्प गोल्ड कार्ड एक तरह का स्पेशल रेजिडेंसी वीजा है। जिसकी कीमत —1 मिलियन डॉलर यानी करीब 8.8 करोड़ रुपए है।
इस कार्ड से आपको अमेरिका में रहने, पढ़ने, बिज़नेस करने और नौकरी करने की पूरी आज़ादी मिलेगी—बस दो चीज़ें नहीं मिलेंगी: अमेरिकी पासपोर्ट और वोट देने का अधिकार।
ट्रम्प का कहना है कि यह उनके ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे का हिस्सा है, इससे टॉप टैलेंट—जैसे भारत और चीन के स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को अमेरिका में रोका जा सकेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम के अनुसार—यह प्रोग्राम दुनिया के सफल उद्यमियों को आकर्षित करेगा और अमेरिकी इकोनॉमी को मजबूत बनाएगा।
दिलचस्प बात ये है कि जब ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड की घोषणा की थी… तब उसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर यानी 42 करोड़ रुपए रखी गई थी, लेकिन सितंबर में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर कर दिया गया।
ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड के अलावा 3 नए तरह के वीजा कार्ड भी लॉन्च किए थे। इनमें ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ , ‘ट्रम्प प्लैटिनम कार्ड’ और ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ शामिल हैं।
कंपनियों के लिए भी एक कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड है, जिसकी कीमत 2 मिलियन डॉलर है। इसके अलावा, ट्रम्प जल्द ही ‘ट्रम्प प्लैटिनम कार्ड’ भी लॉन्च करने वाले हैं—जिसकी फीस लगभग 5 मिलियन डॉलर यानी करीब 42 करोड़ रुपए होगी, यह सुपर-रिच लोगों के लिए खास बनाया गया है।”
अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक का कहना है कि गोल्ड कार्ड, पुराने EB-1 और EB-2 ग्रीन कार्ड वीजा की जगह ले सकता है।
यानी, जिन लोगों के पास हाई एजुकेशन है, टैलेंट है, स्टार्टअप्स हैं—वे अब गोल्ड कार्ड के तहत अमेरिका में स्थायी रूप से रह सकेंगे।”
ट्रम्प ने साफ कहा—इससे अमेरिका में पैसे आएंगे, सरकारी खजाना बढ़ेगा, टैक्स कम किया जा सकेगा और कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी यानी अमेरिका अब सिर्फ टैलेंटेड और धनवान लोगों को ही प्राथमिकता देगा।
